बैठक में अनुपस्थित रहने पर नोडल सचिव कृषि उपजमंडी को कारण बताओ सूचना पत्र
नर्मदापुरम।मंगलवार कलेक्ट्रेट में कलेक्टर सुश्री सोनिया मीना द्वारा कृषि एवं कृषि संबद्ध विभागों की समीक्षा बैठक में विभागों की योजनावार क्रियान्वयन व प्रगति की समीक्षा की गई। बैठक में नोडल सचिव कृषि उपज मण्डी समिति के बिना किसी पूर्व सूचना और अनुमति के अनुपस्थित पाए जाने पर कारण बताओं सूचना पत्र जारी करने के निर्देश दिए गए।
बैठक मे उप संचालक कृषि द्वारा अवगत कराया गया कि जिला-नर्मदापुरम मे कुल क्षेत्रफल 3.45 लाख हेक्टेयर तथा फसल सघनता 280 प्रतिशत है, जो प्रदेश में सर्वाधिक है। जिला नर्मदापुरम फसलों के बीज उत्पादन में स्वावलंबी है, जिले मे उत्पादित अतिरिक्त बीज देश के अन्य हिस्सों मे भेजा जा रहा है। जिले मे उगाई जा रही फसलों के लिए आवश्यकतानुसार पर्याप्त मात्रा में उर्वरक उपलब्ध है। इस वर्ष रबी सीजन मे 241 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में गेहूं तथा 77 हजार हेक्टेयर मे चना की फसल बोई गई है, गत वर्ष की तुलना मे चना का रकबा बढ़ा है। जिले मे 03 जगह- मिट्टी परीक्षण प्रयोगशाला पवारखेड़ा, कृषि उपज मण्डी एवं कृषि विज्ञान केंद्र पलिया पिपरिया बनखेड़ी में मिट्टी परीक्षण का कार्य किया जा रहा है तथा इस वर्ष 7765 किसानों को निःशुल्क स्वाईल हेल्थ कार्ड प्रदाय किए गए है। निरंतर अनाज वाली फसलें बोई जाने तथा असंतुलित उर्वरक मात्रा का प्रयोग करने के कारण कृषि भूमि मे नाइट्रोजन, सूक्ष्म पोषक तत्व तथा ऑर्गेनिक कार्बन की कमी होती जा रही है, और मिट्टी काठोर हो रही है। किसानों को उत्तम गुणवत्ता के खाद, बीज की उपलब्धता सुनिश्चित कराने के क्रम मे आवश्यक वस्तु अधिनियम 1955 की धारा 3 के अंतर्गत बनाए गए उर्वरक नियंत्रण आदेश 1985 के तहत तीन व्यक्तियों पर कार्यवाही करते हुए पुलिस प्राथमिकी दर्ज की गई है।
हार्वेस्टर से फसल की कटाई करने उपरांत नरवाई मे आग लगाने से रोकने तथा ग्रीष्मकालीन मूंग की फसल में रसायनों के अंधाधुंध प्रयोग को रोकने के लिए किसानों को जागरूक करने के निर्देश कलेक्टर सुश्री मीना द्वारा दिए गए।
उप संचालक उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण द्वारा अवगत कराया गया कि जिले में सब्जियों की खेती के साथ-साथ तरबूज व सिंघाड़े का उत्पादन भी बढ रहा है। जिले नर्मदापुरम की नर्सरी में तैयार किए गए उत्तम गुणवत्ता के आम के पौधे पूरे प्रदेश मे भेजे जा रहे है। औषधि क्षेत्र मे चिया सीड उत्पादन मे बढ़ोतरी हेतु निरंतर प्रयास किया जा रहा है। खाद्य प्रसंस्करण इकाई की स्थापना व क्रियान्वयन पर विशेष ध्यान देने के निर्देश कलेक्टर सुश्री मीना द्वारा दिए गए।
उप संचालक पशु चिकित्सा सेवा एवं विस्तार द्वारा अवगत कराया गया कि जिले मे 3.46 लाख गौवंश तथा 1.08 लाख भैसवंशीय पशुधन है,जिले मे 204 पशु लम्पी त्वचा रोग से ग्रसित हुए थे जिन्हे समय पर इलाज कर ठीक किया गया है। जिले मे 3.90 लाख पशुओं का टीकाकरण किया गया है। जिले मे 50724 पशुओं को कृत्रिम गर्भाधान किया गया जिनमे से 16392 गर्भाधान सफल हुए है। मादा पशु प्राप्ति हेतु सॉर्टेड सीमन द्वारा पशुओ मे कृत्रिम गर्भाधान के प्रति किसानों की रुचि बढ़ रही है। चिकित्सकों द्वारा निरंतर गौशालाओ का भ्रमण कर आवश्यक उपचार किए जा रहे है। चलित पशु चिकित्सा ईकाई 1962 में 15 मई 2023 से 4949 पशुओ का उपचार किया गया है।
सहायक संचालक मत्स्य द्वारा बताया गया कि जिले में समस्त स्त्रोतो से मत्स्य उत्पादन 2280 मे.टन किया गया है, मत्स्य पालन हेतु मत्स्य पालकों को प्रशिक्षण दिया जा रहा है। मत्स्य बीज उत्पादन (स्पान) अंतर्गत 7450 मे.टन तथा मत्स्य बीज उत्पादन स्टैंडर्ड फ्राई अंतर्गत 1614 मे.टन उत्पादन किया गया है। मछुआ क्रेडिट कार्ड योजनांतर्गत 120 आवेदन स्वीकृत किए गए है।
प्रक्रिया प्रभारी म.प्र. बीज फार्म विकास निगम सिवनीमालवा द्वारा अवगत कराया गया कि सिवनीमालवा स्थित फॉर्म पर 13.100 हेक्टेयर क्षेत्र में चना, 7.2 हेक्टेयर में गेहूं तथा 3.2 हेक्टेयर में आलू लगाया गया है। तथा माखन नगर स्थित फॉर्म में 17 हेक्टेयर क्षेत्र में चना, 2.8 हेक्टेयर में आलू तथा शेष क्षेत्र में गेहूं लगाया गया है।
सहायक कृषि यंत्री द्वारा अवगत कराया गया कि जिले में इस वर्ष 08 नवीन निजी कस्टम हायरिंग केन्द्र स्थापित किए गए है। कृषि शक्ति योजनान्तर्गत चयनित ग्राम घोघरा रैयत, चारटेकरा, कास्दाखुर्द एवं कास्दा रैयत मे किसानों को कृषि यंत्र के संबंध में प्रशिक्षण दिया जा रहा है। धान की उपज में 15 से 20 प्रतिशत वृद्धि होने के कारण किसानों का रुझान पेडी ट्रांसप्लांटर की ओर बढ रहा है।