वैश्विक परिदृश्य में विकसित भारत @2047 विषय पर परिचर्चा का आयोजन किया गया

इटारसी। शासकीय कन्या महाविद्यालय इटारसी में वैश्विक परिदृश्य में विकसित भारत @2047 विषय पर परिचर्चा का आयोजन किया गया। इस परिचर्चा में विषय विशेषज्ञ के रूप में डॉ. के. एस. उप्पल भूतपूर्व प्राचार्य शासकीय एमजीएम महाविद्यालय इटारसी ने प्राध्यापकों एवं छात्राओं के साथ भाग लिया। डॉ नेहा सिकरवार हिंदी विभागाध्यक्ष के द्वारा कार्यक्रम का संचालन किया गया। इस अवसर पर महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. आर. एस. मेहरा ने कहा कि ऐसी परिचर्चाऐं छात्राओं एवं शिक्षकों को आपस में विचार साझा करने का अवसर प्रदान करती है यह परिचर्चा विकसित भारत @ 2047 हेतु सुझाव इकट्ठा करने का जरिया बन सकती है। इसके पश्चात कार्यक्रम संयोजक डॉ. हरप्रीत रंधावा ने बताया कि विकसित भारत में युवाओं की भागीदारी अहम होगी इसलिए युवाओं को जोड़ने की मुहिम उच्च शिक्षण संस्थानों से शुरू की गई है ।आज का युवा वर्ष 2047 में देश की बागडोर संभाल कर वैश्विक परिदृश्य में विश्व गुरु की भूमिका निभाएगा। विषय विशेषज्ञ डॉ. के. एस. उप्पल ने कहा कि आज की वह शक्ति ही अपने ऊर्जावान प्रयासों से 2047 तक विश्व को अपना नेतृत्व प्रदान करेगा। महाविद्यालय में विगत पांच दिवस से हो रही परिचर्चाओं में सूत्रधार की भूमिका निभाने वाले डॉ. शिरीष परसाई ने बताया कि इस प्रकार की परिचर्चाऐं उच्च शिक्षा में नवाचार के साथ-साथ छात्राओं में जागरूकता भी लाती है। इस परिचर्चा में मुख्य रूप से शिक्षा मंसोरिया, यशस्वी ठाकुर, प्रज्ञा शर्मा, भावना नागराज, रितु गोर, आस्था पांडे ने भाग लिया। कार्यक्रम में डॉ. कुमकुम जैन, श्रीमती मंजरी अवस्थी, डॉ. हर्षा शर्मा, श्रीमती पूनम साहू, ,डॉ. शिरीष परसाई, डॉ श्रद्धा जैन, डॉ शिखा गुप्ता,डॉ नेहा सिकरवार ,तरुणा तिवारी, प्रिया कलोसिया, हेमंत गोहिया, क्षमा वर्मा , श्रीमती शोभा मीना, करिश्मा कश्यप तथा छात्राएं उपस्थित थी। शासकीय कन्या महाविद्यालय इटारसी में वैश्विक परिदृश्य में विकसित भारत @2047 विषय पर परिचर्चा का आयोजन किया गया। इस परिचर्चा में विषय विशेषज्ञ के रूप में डॉ. के. एस. उप्पल भूतपूर्व प्राचार्य शासकीय एमजीएम महाविद्यालय इटारसी ने प्राध्यापकों एवं छात्राओं के साथ भाग लिया। डॉ नेहा सिकरवार हिंदी विभागाध्यक्ष के द्वारा कार्यक्रम का संचालन किया गया। इस अवसर पर महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. आर. एस. मेहरा ने कहा कि ऐसी परिचर्चाऐं छात्राओं एवं शिक्षकों को आपस में विचार साझा करने का अवसर प्रदान करती है यह परिचर्चा विकसित भारत @ 2047 हेतु सुझाव इकट्ठा करने का जरिया बन सकती है। इसके पश्चात कार्यक्रम संयोजक डॉ. हरप्रीत रंधावा ने बताया कि विकसित भारत में युवाओं की भागीदारी अहम होगी इसलिए युवाओं को जोड़ने की मुहिम उच्च शिक्षण संस्थानों से शुरू की गई है ।आज का युवा वर्ष 2047 में देश की बागडोर संभाल कर वैश्विक परिदृश्य में विश्व गुरु की भूमिका निभाएगा। विषय विशेषज्ञ डॉ. के. एस. उप्पल ने कहा कि आज की वह शक्ति ही अपने ऊर्जावान प्रयासों से 2047 तक विश्व को अपना नेतृत्व प्रदान करेगा। महाविद्यालय में विगत पांच दिवस से हो रही परिचर्चाओं में सूत्रधार की भूमिका निभाने वाले डॉ. शिरीष परसाई ने बताया कि इस प्रकार की परिचर्चाऐं उच्च शिक्षा में नवाचार के साथ-साथ छात्राओं में जागरूकता भी लाती है। इस परिचर्चा में मुख्य रूप से शिक्षा मंसोरिया, यशस्वी ठाकुर, प्रज्ञा शर्मा, भावना नागराज, रितु गोर, आस्था पांडे ने भाग लिया। कार्यक्रम में डॉ. कुमकुम जैन, श्रीमती मंजरी अवस्थी, डॉ. हर्षा शर्मा, श्रीमती पूनम साहू, ,डॉ. शिरीष परसाई, डॉ श्रद्धा जैन, डॉ शिखा गुप्ता,डॉ नेहा सिकरवार ,तरुणा तिवारी, प्रिया कलोसिया, हेमंत गोहिया, क्षमा वर्मा , श्रीमती शोभा मीना, करिश्मा कश्यप तथा छात्राएं उपस्थित थी।

About The Author