इटारसी। शासकीय महात्मा गांधी स्मृति स्नातकोत्तर महाविद्यालय, इटारसी में विकसित भारत @ 2047 पर एक परिचर्चा का आयोजन किया गया। विकसित भारत@2047 के लिए विज्ञान प्रौधोगिकी एवं नवप्रवर्तन की भूमिका पर विद्यार्थियो एवं प्राध्यापकों ने अपने विचार रखते हुए परिचर्चा की। डॉ. राकेष मेहता प्राचार्य, डॉ. नीरज जैन, अध्यक्ष जनभागीदारी एवं कार्यक्रम का प्रभारी डॉ. संतोष अहिरवार तथा स्टाफ द्वारा माँ सरस्वती के प्रतिमा के समझ दीप प्रज्जवलन कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। सबसे पहले विद्यार्थियों ने विकसित भारत की अवधारणा पर चर्चा की। विद्यार्थी जमना प्रसाद ने जैविक खेती एवं तकनीकि के उपयोग से कृषि विकास पर अपने विचार रखे। अन्य विद्यार्थियों ने षिक्षा की गुणवत्ता, संसाधनों की उपलब्धता, स्वच्छता आदि लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए विज्ञान एवं तकनीकि पर अपने विचार प्रस्तुत किये।
प्राचार्य डॉ. राकेष मेहता ने बताया कि सम्पोषिता के नियमों का पालन करते हुए जल, मिट्टी, वायु एवं ईधन का संरक्षण करें तथा जल एवं विधुत का मितव्यता से उपयोग करें। नवाचार में प्लास्टिक के स्थान पर बॉयोप्लास्टिक जो जैव उत्पादो से बनता है तथा जैवईधन जो भुट्टे के आंटे से बनता है का प्रयोग करें। जैव उर्वरक का उपयोग कर पर्यावरण को संरक्षित करें। प्रत्येक व्यक्ति कार्बन फूट प्रिंट का उपयोग कम करें इस प्रकार हम विकसित भारत के लिए हम सषक्त कदम बढ़ा सकते है। हम सब के प्रयास से प्रौधोगिकी विकास एवं नवाचार द्वारा ही विकसित भारत बन सकेगा।
डॉ. नीरज जैन ने विद्यार्थियों को जिम्मेदार नागरिक बनकर भारत के विकास में सहयोग प्रदान करने के लिए प्रेरित किया। डॉ. व्ही.के. कृष्णा प्राध्यापक प्राणीषास्त्र ने अपने उद्बोधन में कहा कि विकसित भारत के लिए आवष्यक विभिन्न लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए नवाचार एवं विज्ञान तकनीकि का विकास आवष्यक है। डॉ. अर्चना शर्मा ने परिचर्चा आगे बढ़ाते हुए विद्यार्थियों को सक्रिय भागीदारी निभाने के लिए प्रेरित किया। इस अवसर पर महाविद्यालय के प्राध्यापक सहित 75 विद्यार्थियों ने कार्यक्रम में सहभागिता की। कार्यक्रम का संचालन महाविद्यालय के एन.एस.एस के कार्यक्रम अधिकारी डॉ. संतोष कुमार अहिरवार ने किया एवं आभार प्रदर्षन संस्कृत विभाग की सहायक प्राध्यापक श्रीमती श्रुति द्वारा किया गया।