एचआईवी एड्स सघन जागरूकता हेतु रैली एवं संवाद आयोजित

12 अगस्त से जारी है यह अभियान

नर्मदापुरम। राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन मप्र द्वारा दिए गए निर्देशानुसार कलेक्टर सुश्री सोनिया मीना के दिशा निर्देश तथा सीएमएचओ डॉ दिनेश देहलवार, जिला एड्स नोडल अधिकारी डॉ प्रियंका दुबे के मार्गदर्शन में 12 अगस्त से 12 अक्टूबर तक जिले में एचआईवी एड्स सघन जागरूकता अभियान स्कूलों, कॉलेजों, ग्राम तथा शहरी क्षेत्रों में स्वास्थ्य विभाग जिला एड्स नियंत्रण समिति के आईसीटीसी एवं ओएसटी केंद्र के सहयोग से संपूर्ण सुरक्षा केंद्र,प्रियांशी एजुकेशन कल्चर एंड सोशल सोसायटी नर्मदापुरम ,टीआई एनजीओ  द्वारा संचालित किया जा रहा है, अभियान के अंतिम सप्ताह में ग्राम निमसाडिया, सावलखेड़ा, मेहरागांव, रायपुर, कन्या हाई स्कूल एवम रामलाल शर्मा स्कूल , मुख्य डाकघर कार्यालय एवम ऑटो यूनियन नर्मदापुरम , सहित अन्य विकास खण्डों के ग्रामों में जन जागृति रैली आयोजित कर नागरिकों को एचआईवी एड्स सिफीलिस जैसी लाइलाज लेकिन नियंत्रित बीमारियों से जागरूक कर जानकारी दी,एचआईवी , अन्य गुप्त रोगों , टीबी के सभी लक्षण – फैलने के कारण एवं बचाव के बारे मे तथा सामाजिक कुरीति, एचबीसी के बारे में जानकारी दी गई तथा  सरकारी हाई स्कूलों में छात्र  छात्राओ को एसटीआई एचआईवी के बारे मैं संपूर्ण जानकारी दी गई, टोल फ्री नंबर 1097 के बारे में जानकारी देते हुए प्रचार प्रसार सामग्री वितरित की गई ,साथ ही आईसीटीसी केंद्र में नि:शुल्क एचआईवी की जांच तथा उसकी गोपनीयता के बारे में जानकारी दी गई। कन्या हाई स्कूल नर्मदापुरम में  प्राचार्य के द्वारा बताया गया की एचआईवी एड्स लाइलाज बीमारी हैं जिंदगी भर दवाई पर निर्भर होना पड़ता हैं जागरुकता और सावधानी से ही एचआईवी एड्स की चैन तोड़ा जा सकता हैं एवम समस्त  स्टाफ व छात्राओ के द्वारा  शाला  से जिला चिकित्सालय होते हुए सतरस्ता चौराहा से एचआईवी एड्स जागरूकता के स्लोगन (नारा) के द्वारा रैली आयोजित की गई। पिछले 2 माह से लगातार इस अति महत्वपूर्ण अभियान को सफल बनाने में संपूर्ण सुरक्षा मैनेजर रक्षा शुक्ला, हरीश यादव,ज्योति खरवार , टीआई प्रोगाम की ओर से मीनाक्षी बाथरी ,प्रीति ठाकरे, आरती बेलवंशी  काउंसलर, आशा बाथरी, दिशा से हेमंत पटेल, आईसीटीसी परामर्शदाता गणेश उपरारिया, विवेक पटवा, प्रकाश यादव, ओएसटी से डाटा मैनेजर संदीप साहू, आशीष कुमार, सभी स्वास्थ्य संस्थाओं में पदस्थ एसटीएलएस, एसटीएस एवं लेब टेकनिशियनो का महत्वपूर्ण योगदान रहा है।

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