आगामी माहो में रिहा होने वाले बंदियो को रोजगारोन्मुखी ट्रेनिंग दिलाई जाए

प्रशिक्षण प्राप्त बंदियो को स्व रोजगार से जोड़ा जाए – कलेक्टर

नर्मदापुरम  जेल में बंद वे बंदी जो आगामी माहो में रिहा होने वाले हैं उन्हें रोजगार उन्मुख प्रशिक्षण दिलाया जाए, साथ ही  30 जून तक लगभग 100 बंदियो को ट्रेनिंग देकर उन्हें स्वरोजगार से जोड़ा जाए। जब बंदी रिहा होकर घर जाएंगे तब उनके पास एक हुनर होगा। अपने हुनर के बल पर बंदी छोटा-मोटा स्वरोजगार एवं व्यवसाय कर सकेंगे। उक्त निर्देश कलेक्टर सोनिया मीना ने आज जिला जेल द्वारा आयोजित बैठक में दिए।

      बैठक में जेल अधीक्षक, प्रबंधक आर सिटी रश्मि गुप्ता, महाप्रबंधक जिला व्यापार एवं उद्योग कैलाश माल, सहायक संचालक अन्य पिछड़ा वर्ग अनुराधा सकवार, एलडीएम, सहित संबंधित अधिकारी गण मौजूद थे।

      कलेक्टर ने जेल अधीक्षक को निर्देश दिए की बंदियो को सिलाई, कृषि, इलेक्ट्रीशियन डेरी, फाइल फोल्डर, पोल्ट्री, फर्नीचर रिपेयरिंग, कारपेंटर, टेक्नीशियन जैसे रोजगार उन्मुख प्रशिक्षण दिया जाना सुनिश्चित करें। प्रशिक्षण प्राप्त बंदी जब बाहर जाएंगे तब जेल प्रशासन के पास यह गर्व का विषय होगा कि उन्होंने बंदियों को हुनरमंद बनाया है।

      जेल अधीक्षक ने बताया कि वर्तमान में जिले के 41 बंदियो को विभिन्न रोजगार उन्मुखी  प्रशिक्षण दिया गया है। प्रारंभिक चरण में 450 बंदियो को चिन्हित किया गया है जिन्हें आगामी दिनों में प्रशिक्षण दिया जाएगा। पुरुष बंदियो के अलावा महिला बंदियो को भी स्वरोजगार प्रशिक्षण के लिए चिन्हित किया जा रहा है।

      बताया गया कि डेयरी का प्रशिक्षण 10 दिन का, सिलाई का प्रशिक्षण 30 दिन एवं इलेक्ट्रीशियन का प्रशिक्षण 30 दिन चलता है। कलेक्टर ने निर्देश दिए की साल के अंत तक लगभग 500 बंदियो को विभिन्न रोजगार उन्मुखी प्रशिक्षण दिया लाया जाना सुनिश्चित किया जाए।

      कलेक्टर ने कहा कि जो बंदी आगामी माह में रिहा होने वाले हैं उन्हें ट्रेनिंग दें, जब वह रिहा होकर समाज के बीच जाएंगे तो समाज को भी एक मैसेज मिलेगा कि बंदियो के पास काम करने का स्केल है।

      कलेक्टर ने स्वरोजगार योजनाएं संचालित करने वाले विभागों को निर्देश दिए की वे बंदियो के रिहा होने के बाद उन्हे स्वरोजगार योजनाओं से जोड़कर लाभान्वित करें। कलेक्टर ने कहा कि आगामी 6 महीने में जो बंदी रिहा हो रहे हैं उन सबका प्रशिक्षण आरसेटी के माध्यम से कराया जाए।  ट्रेनिंग प्राप्त बंदियो का डाटा भी दिया जाए।

      कलेक्टर ने निर्देश दिया कि आगामी दिनों में 100 बंदी पूरी तरह ट्रेंड हो जाए। उनके लोन के प्रकरण एलडीएम  स्वरोजगार हेतु बैंक से स्वीकृत करें और उन्हें प्राथमिकता से लोन दिलाना सुनिश्चित करे। कलेक्टर ने कहा कि इस कार्य को सर्वोच्च प्राथमिकता दिया जाए।

      बताया गया कि अनुसूचित जाति जनजाति वर्ग के लिए संचालित योजनाओं में 1 लाख से 1 करोड़ रुपए तक की योजनाएं हैं। वहीं उधम क्रांति स्वरोजगार योजना आदि में 10 हजार से लेकर 5 लाख तक का सब्सिडी सहित लोन दिया जाता है। बताया गया कि मछली पालन विभाग एवं पशुपालन विभाग में भी स्वरोजगार के लिए हितग्राहियों को ऋण दिया जाता है।

      जेल अधीक्षक ने बताया कि जेल में बंद कुछ बंदियो के पास आधार कार्ड नहीं है। इस बात को तत्काल संज्ञान में लेते हुए कलेक्टर ने जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी सोजान सिंह रावत को निर्देश दिए कि वह जेल में आधार कार्ड बनाने के लिए एक शिविर का आयोजन करें और जिले के जिन बंदियो के पास आधार कार्ड नहीं है उनके मतदाता परिचय पत्र एवं अन्य डॉक्यूमेंट के आधार पर प्राथमिकता से आधार कार्ड बनाएं। कलेक्टर ने जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी को निर्देश दिए की जेल में बंद महिला बंदियो को जेल के अंदर महिलाओं के बीच महिला स्व सहायता समूह का गठन करें। समूह को लाभ दिलाना सुनिश्चित करें। कलेक्टर ने जेल अधीक्षक से कहा कि वे  एक सप्ताह में यह बताना सुनिश्चित करेंगे कि कितने बंदी रिहा हुए और कितने बंदियों की ट्रेनिंग कराई गई।

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