इटारसी । शासकीय महात्मा गांधी स्मृति स्नातकोत्तर महाविद्यालय इटारसी में पृथ्वी दिवस 2024 के अवसर पर परिचर्चा एवं मॉडल प्रदर्शनी का आयोजन भूगोल विभाग द्वारा किया गया । डी एस पी श्री प्रदीप मिश्रा, डॉ राकेश मेहता, डॉ अरविंद शर्मा, डॉ रश्मि तिवारी, डॉ पवन अग्रवाल ने मां सरस्वती के प्रतिमा पर माल्यार्पण कर कार्यक्रम की शुरुआत की। डॉ राकेश मेहता ने अपने उद्बोधन में बताया कि वर्तमान समय में प्लास्टिक एक जहर की भांति फैल रहा है इसे बचाने के लिए हम बायोप्लास्टिक और बायो फ्यूल का प्रयोग कर सकते हैं। बायोप्लास्टिक मक्के, आलू आदि से बनाया जा सकते हैं तथा गन्ने के रस से बना हुआ एथेनॉल वाहनों को चलाने में प्रयोग किया जा सकता है। उन्होंने बायोप्लास्टिक के बनाने की प्रक्रिया बायोप्लास्टिक के उपयोग एवं बायोप्लास्टिक के लाभ के बारे में विशिष्ट चर्चा की। उन्होंने बताया की बायोप्लास्टिक अभी ज्यादा स्तर पर उत्पादन नहीं हो पा रहा है, इसके लिए और अधिक शोध की जरूरत है । शोध के द्वारा हम एक बार उपयोग की जाने वाली प्लास्टिक से निजात पाकर संपोषित विकास को प्राप्त सकते हैं । डॉ ओपी शर्मा ने कहा कि हमारे वैदिक ज्ञान में पृथ्वी को माता के रूप में है और हम उसके पुत्र हैं। उन्होंने श्लोक उपस्थास्ते अनमिवा अयक्ष्मा पृथ्वी प्रसूताः । दीर्घम न आयुः प्रति बुध्यमाना । वयम तुभ्यम बलि हृतः श्याम। से बताया कि हमे पृथ्वी पर बलिदान हो जाना चाहिए। डॉ वी के कृष्ण ने बताया कि वर्तमान समय में हम प्रकृति को बचाने में लगे जबकि संकल्पना यह होना चाहिए की प्रकृति की जगह हमको खुद बचाना है क्योंकि हमारे विकास के अंधी दौड़ में हम स्वयं विभिन्न प्रकार के रसायन से अपने आप को ग्रसित कर रहे हैं। उन्होंने बताया की प्लास्टिक एक वरदान के रूप में आया था आज विभिन्न प्रकार के समान प्लास्टिक से बनाए जा रहे हैं जो पेड़ों की बचत कर रहे हैं, परंतु हम इन प्लास्टिक का दुरुपयोग करना शुरू कर दिए जिससे आज विश्व में प्लास्टिक एक खतरा के रूप में बनी हुई है। डी एस पी भोपाल श्री प्रदीप मिश्रा ने विद्यार्थियों को पर्यावरण एवं प्लास्टिक के प्रभाव को समझाते हुए बताया कि हमें पर्यावरण का हमेशा बचना चाहिए। इसके साथ ही उन्होंने विद्यार्थियों को सिविल सेवा की तैयारी से संबंधित विभिन्न तथ्यों पर अपनी बात रखी। उन्होंने बताया की अगर मध्य प्रदेश प्रशासनिक सेवा की तैयारी करनी है तो विद्यार्थी सामान्यतः इंदौर भोपाल में महंगे कोचिंग फीस देकर सिविल सेवा की तैयारी करते हैं। उन्होंने बताया की विद्यार्थी अगर स्वयं तैयार होकर सिविल सेवा की परीक्षा दे तो उसे उन्हें इस महंगे कोचिंगों की चक्कर लगाने की जरूरत नहीं होगी।भूगोल विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ दिनेश कुमार ने बताया कि पृथ्वी दिवस सन 1970 से मनाया जा रहा है। सितंबर 1969 में सिएटल के सम्मेलन में इसकी घोषणा हुई । इसकी स्थापना अमेरिकी सीनेटर जेराल्ड नेल्सन ने किया। वर्तमान समय में यह 192 से अधिक देशों में प्रतिवर्ष मनाया जा रहा है । इस वर्ष का पृथ्वी दिवस का थीम प्लेनेट वर्सेस प्लास्टिक है जिसमें प्लास्टिक के कम उपयोग का लक्ष्य रखा जा रहा है। मॉडल प्रदर्शन प्रतियोगिता में ओम सिंह प्रथम, हर्षिता मालवीय शानू चौरे द्वितीय, राजेश्वरी भाटी मोहित लौवंशी तृतीय रहे। इस कार्यक्रम का संचालन डॉ दिनेश कुमार ने किया एवं आभार प्रदर्शन डॉअर्चना शर्मा ने किया। इस कार्यक्रम में महाविद्यालय के समस्त स्टाफ एवं बड़ी मात्रा में विद्यार्थी उपस्थित रहे।
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