नर्मदापुरम पवित्र नगरी है, डेढ़ किलोमीटर की सीमा में नहीं होगी कोई शराब की दुकान : मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव

नर्मदापुरम में आयोजित नर्मदा जयंती कार्यक्रम के में शामिल हुए मुख्यमंत्री डॉ यादव

नर्मदापुरम मां नर्मदा जयंती महोत्सव व नगर गौरव दिवस के अवसर पर सेठानी घाट नर्मदापुरम में आयोजित मुख्य कार्यक्रम में मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव शामिल हुए। उन्होंने मां नर्मदा की पूजा अर्चना की तथा प्रदेश की खुशहाली की कामना की। इस अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने नर्मदापुरम जिले के 191 करोड़ रुपए से अधिक के विकास कार्यों का लोकार्पण एवं भूमिपूजन किया।

      लोकार्पण और शिलान्यास के साथ ही  मुख्यमंत्री डॉ यादव ने नर्मदापुरम में आयुर्वेदिक मेडिकल कॉलेज बनाने की घोषणा तथा नर्मदा में प्रवाहित होने दूषित जल को रोकने के लिए 15 करोड़ रुपए की लागत से नालों का निर्माण किया जाएगा। डॉ यादव ने कहा कि नर्मदापुरम को पवित्र नगरी है, डेढ़ किलोमीटर की सीमा में कोई भी शराब दुकान नहीं खुलेगी। उन्होंने कहा कि नर्मदापुरम के विकास में कोई कमी नहीं आने दी जाएगी।

      डॉ मोहन यादव ने नर्मदा जयंती के अवसर पर प्रदेशवासियों को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि नर्मदा मध्य प्रदेश की जीवन रेखा है। मां नर्मदा अपने उद्गम स्थल अमरकंटक से लेकर खंबात की खाड़ी तक अपने आंचल के क्षेत्र को पल्लवित और पोषित करती है। डॉ यादव ने कहा कि हमारी संस्कृति में नदियों का विशेष स्थान है। इन नदियों में मां नर्मदा का सबसे ज्यादा महत्व है। मां नर्मदा अतुलनीय है। उन्होंने कहा कि जिस तरह गंगा में स्नान करने से व्यक्ति पवित्र हो जाता है, उसी तरह मां नर्मदा का महत्व जीवनदायिनी नदी के रूप में है। मां नर्मदा सुखदायिनी , प्राणदायिनी के साथ समूचे जीवन को मोक्ष प्रदान करने वाली हैं।

      मुख्यमंत्री डॉ यादव ने कहा कि नर्मदापुरमवासी सबसे ज्यादा भाग्यशाली है कि मां नर्मदा के पास अपने जीवन जीने का मौका मिला हैं। मां के दर्शन मात्र से जीवन सफल हो जाता है उसके आंचल में रहने वाले व्यक्ति परम सौभाग्यशाली हैं। सनातन संस्कृति से हमारी प्रत्येक गतिविधि उत्साह के साथ होती है। परमात्मा की कृपा से सभी अपना जीवन मानवता की सेवा में लगाएं। मुख्यमंत्री डॉ यादव ने कहा कि हमारी संस्कृति में हर दिन उत्सव का दिन है। हमारे इन उत्सवों में अध्यात्म का भी महत्वपूर्ण स्थान है। हमारे ऋषि मुनियों ने हमें मानव सेवा का उपदेश दिया है और उनके दिखाएं मार्ग पर चलकर ही जीवन को सार्थक किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि नगर में खुले में मांस के विक्रय पर प्रतिबंध लगाएं। ध्वनि विस्तारक यंत्रों का निर्धारित मानक मापदंडों के अनुरोध संचालन किया जाए।

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