“पशु संजीवनी 1962” चलित पशु चिकित्सा सेवा के माध्यम से गांव गांव जाकर किया जा रहा पशुओं का उपचार

नर्मदापुरम। 04 अक्टूबर 2024 को विश्व पशु दिवस मनाया गया। इस वर्ष की थीम है “विश्व उनका भी घर है”। यह दिवस पशुओं के कल्याण और संरक्षण के प्रति समर्पित है। पशु केवल इस ग्रह के निवासी ही नहीं हैं, बल्कि हमारे पारिस्थितिकी तंत्र का अभिन्न अंग भी हैं। यह दिन एक सुरक्षित और संरक्षित वातावरण के लिए उनके अधिकारों को उजागर करता है।

      विश्व पशु दिवस का उद्देश्य यह है कि पशुओं के प्रति क्रूरता न की जाए और उनकी उपेक्षा न हो। यह दिन पशुओं के प्रति उचित व्यवहार के प्रति जागरूकता लाने का प्रयास करता है। हम सभी को पशुओं की रक्षा और देखभाल के प्रति अपनी जिम्मेदारी का एहसास कराता है।

      आज इस विशेष अवसर पर पशुचिकित्सा विभाग द्वारा विभिन्न गतिविधियाँ आयोजित की गईं। उपसंचालक पशु चिकित्सा सेवाएँ, नर्मदापुरम, डॉ. संजय अग्रवाल ने बताया कि विभाग द्वारा “पशु संजीवनी 1962” चलित पशु चिकित्सा सेवा के माध्यम से विशेष रूप से गांवों में जाकर पशुओं के प्रति जागरूकता लाई जा रही है और उनका उपचार किया जा रहा है।

      कलेक्टर सोनिया मीना के निर्देशन में निराश्रित गौवंश के संरक्षण के लिए चलाए जा रहे अभियान के तहत निराश्रित गौवंश को अस्थाई आश्रय स्थल में रखा गया है। वहां पर सभी पशुओं का स्वास्थ्य परीक्षण किया गया और रोगी पशुओं का उपचार किया गया।

      विभिन्न ग्रामों में पशुओं की संवेदनशील देखभाल और रखरखाव विषय पर संगोष्ठियाँ आयोजित की गईं। मनुष्य में पशुपक्षियों के प्रति वात्सल्य, प्यार और संवेदनशीलता जरूरी है। उनकी रक्षा करना हमारा दायित्व है। आइए, विश्व पशु दिवस पर हम सभी पशुओं की भावनाओं का सम्मान करते हुए उनके प्रति संवेदनशील होने का संकल्प लें। इस आशय की शपथ भी पशुपालकों एवं आमजनों को दिलाई गई।

About The Author