नर्मदापुरम। मंगलवार को कलेक्टर सोनिया मीना की अध्यक्षता में वन एवं राजस्व विभाग की जिला स्तरीय अधिकारियों की अन्तरविभागीय समन्वय बैठक समपन्न हुई।
बैठक में बताया गया कि परिक्षेत्र बनखेड़ी (सामान्य) के कक्ष क्रमांक 337, 345, 336, 325, 326, एवं 359 में 66 अतिक्रामकों के द्वारा लगभग 104 हे0 में अतिक्रमण किया है, जिसमें वन विभाग एवं राजस्व विभाग द्वारा संयुक्त सर्वे एवं अभिलेख मिलान की कार्यवाही की जाना है। इसके लिए राजस्व विभाग एवं वन विभाग द्वारा संयुक्त सीमांकन कर कार्यवाही सुनिश्चित करेंगे। वन व्यवस्थापन से संबंधित, वन राजस्व सीमा विवाद संबंधी, मोरण्ड गंजाल संयुक्त परियोजना के निर्माण में 1215.42 हैक्टेयर वन भूमि नर्मदा घाटी विकास प्राधिकरण को उपयोग पर देने के संबंध में विस्तार से चर्चा की गई।
बैठक में विभिन्न योजनाओं में राजस्व विभाग द्वारा वन विभाग के पक्ष में ग्राम डूंडादेह में खसरा नं.153 रकबा 62.614 हे0 में से रकबा 16 हे0 भूमि हस्तांतरित करने के संबंध में चर्चा की गई। जिले में नवीन रेत खदान घोषित किए जाने के लिए वन विभाग की अनापत्ति प्रेषित किए जाने के संबंध में खनिज विभाग द्वारा वन विभाग से चर्चा की। सतपुडा टाइगर रिजर्व से विस्थापित ग्रामों से पुर्नवास से जिला नर्मदापुरम के भारत शासन से 33 ग्रामों (बसाहट स्थलों) के लिए वनभूमि प्राप्त हुई है जिसमें मध्यप्रदेश शासन वन विभाग द्वारा निर्वनिकृत ( वन भूमि से राजस्व भूमि) किया गया है। वर्तमान में कोई भी ग्राम राजस्व विभाग को हस्तांतरित नही किया गया है उसकी जानकारी कलेक्टर द्वारा ली गई।
बैठक में कलेक्टर ने लोक निर्माण विभाग के अधिकारी को निर्देश दिए कि नर्मदापुरम के जिस भी क्षेत्र मे पेडों को काटे तो वहां देख ले पेड़ों की डालियों में पक्षियों के घोसले एवं चूजों ना हो।
बैठक में कलेक्टर ने संबंधित विभाग के अधिकारियों से कहा कि वनग्राम से राजस्व ग्राम होने का प्रमाण पत्र दें।
बैठक में पुलिस अधीक्षक डॉ गुरूकरन सिंह, अपर कलेक्टर देवेन्द्र कुमार सिंह, वन मंडल अधिकारी मंयक सिंह गूर्जर, सिटी मजिस्ट्रेट श्री बृजेन्द्र रावत, राजस्व, वन, विद्युत, परिवहन, लोक निर्माण, सिंचाई, मत्स्य, आदिम जाति कल्याण विभाग सहित संबंधित अधिकारी/कर्मचारी उपस्थित थे।