संभागीय उपायुक्त, जनजातीय कार्य द्वारा कन्या शिक्षा परिसर पवारखेड़ा का किया गया आकस्मिक निरीक्षण
नर्मदापुरम। संभागीय उपायुक्त, जनजातीय कार्य जे.पी. यादव द्वारा कन्या शिक्षा परिसर पवारखेड़ा का आकस्मिक निरीक्षण किया गया। निरीक्षण के दौरान उन्होने प्रयोगशालाओं, लायब्रेरी, अध्यापन कक्षों का अवलोकन किया तथा शिक्षकों के साथ बैठक आयोजित कर निर्देश दिये। संस्था में कार्यरत् सभी शिक्षक एवं प्राचार्य उपस्थित पाये गये। जीव विज्ञान, भौतिकी एवं रसायन विज्ञान प्रयोगशालाओं के निरीक्षण के दौरान शिक्षकों से कराये गये प्रयोगों की जानकारी प्राप्त की गई। शिक्षकों द्वारा अवगत कराया गया कि प्रयोगशालाओं में कुछ सामग्री को छोड़कर शेष सामग्री उपलब्ध है तथा विद्यार्थियों से प्रयोग कराये जा रहे हैं। शिक्षकों द्वारा प्रस्तुत जानकारी अनुसार 25 प्रतिशत प्रयोग कराये गये हैं। श्री यादव द्वारा शिक्षकों को निर्देशित किया गया है कि सैद्धांतिक चेप्टर खत्म होने के साथ ही उससे संबंधित प्रयोग कराये जावे। निर्धारित समय में समस्त प्रयोग संपन्न कराये जायें। लायब्रेरी के अवलोकन के दौरान पुस्तक वितरण पंजी में 51 पुस्तकें ऐसी पाई गई जो विद्यार्थियों के पास जाने के बाद वापस नहीं लौटी। निर्देशित किया गया कि बच्चों से संपर्क कर पुस्तकें वापस कराई जावे। शिक्षकों के साथ बैठक में श्री यादव ने समय पालन तथा शिक्षा गुणवत्ता के लिए गहन प्रयास करने की आवश्यकता पर बल दिया। अभी से रेमेडियल क्लासेस प्रारंभ किये जाने तथा प्रत्येक चेप्टर के अध्यापन के बाद नियमित टेस्ट आयोजित किये संबंधी निर्देश दिये गये। शिक्षकों के सहयोग से विद्यालय के भवन को आकर्षक बनाये जाने की अपील की गई। प्रत्येक माह प्रत्येक बच्चे की उपस्थिति तथा शैक्षणिक गतिविधि से पालकों को अवगत कराने हेतु नियमित रूप से पालक शिक्षक संघ की बैठक आयोजित किये जाने के निर्देश दिये गये। यह भी कहा गया कि जो पालक बैठक में नहीं आ पाते हैं, उन्हें व्यक्तिगत रूप से विद्यार्थी की शैक्षणिक एवं अन्य गतिविधियों से अवगत कराया जावे। राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगी परीक्षाओं जेईई, नीट तथा सामान्य ज्ञान, सामान्य गणित, सामान्य अंग्रेजी, तर्कशक्ति आदि विषयों की तैयारी हेतु अतिरिक्त कालखण्ड लगाने के निर्देश भी दिये गये। उन्होंने खाली समय में विभिन्न प्रकार की पुस्तकों के अध्ययन करने हेतु प्रेरित किया। उन्होने शिक्षकों से कहा कि पुस्तकों को पढ़ने से जान के साथ-साथ विचार भी उत्पन्न होते हैं। शिक्षक बच्चों को सांस्कृतिक एवं नैतिक मूल्यों की शिक्षा भी प्रदान करें। श्री यादव संस्था के शिक्षकों से संबंधित समस्याओं से अवगत हुए तथा निराकरण के लिए आश्वस्त किया।