संभावित जलभराव को देखते हुए नर्मदा नदी के तटीय गांवों को अलर्ट रखें

कलेक्टर ने संभावित बाढ़ से बचाव के संबंध में दिए निर्देश

नर्मदापुरम। नर्मदापुरम जिले में विगत दो-तीन दिनों से लगातार हो रही वर्षा को देखते हुए कलेक्टर सोनिया मीना ने निर्देश दिए की संभावित बाढ़ एवं विभिन्न स्थानों पर जल भराव की स्थिति निर्मित हो सकती है। इसे देखते हुए नर्मदा नदी के तटीय गांवों को अलर्ट मोड पर रखे। कलेक्टर ने गुरुवार को संभावित बाढ़ से बचाव के संबंध में आयोजित बैठक में निर्देश दिए की कोई भी व्यक्ति चाहे वह मछुआरा हो, श्रद्धालु हो, पुजारी, पर्यटक या घाट के आसपास रहने वाले लोग यह सभी भारी वर्षा के दौरान तटीय क्षेत्रों में एवं घाटों मे एवं घाट के आसपास ना जाएं।

कलेक्टर ने कहा कि संभावित बाढ़ से बचाव के लिए अभी से इमरजेंसी सेवाएं अलर्ट मोड पर रखी जाए। स्वास्थ्य सेवाएं भी अलर्ट मोड पर रहे एवं आश्रय स्थल जो पूर्व से ही चिन्हित किए गए हैं वहां पर इमरजेंसी में लोगों को शिफ्ट करने के लिए सभी आवश्यक संसाधन एवं सुविधाएं जुटा ली जाए।

कलेक्टर ने कहा कि नर्मदा नदी के तटीय गांव में मुनादी कराकर एवं सायरन बजाकर लोगों को बाढ़ के प्रति सतर्क रखें। बताया गया कि जिले की 5 से 6 छोटी पुल पुलियां जलमग्न है। कलेक्टर ने लोक निर्माण विभाग के कार्यपालन यंत्री को निर्देश दिए कि वह जलमग्न पुल पुलियों की फोटो उन्हें अनिवार्य रूप से उपलब्ध कराए और ऐसे पुल पुलियों पर सुरक्षा की दृष्टि से चौकीदार की तैनाती करें। बताया गया कि नसीराबाद के पुल में कटाव आया है हालांकि गांव में अभी पानी का प्रवेश नहीं हुआ है।

कलेक्टर ने अपर कलेक्टर को निर्देश दिए कि वह सभी अनुविभागीय दंडाधिकारियों से पुल पुलियो एवं पशु हानि की जानकारी तत्काल लेवे। बताया गया की माछा में घाट तक पानी आया है लेकिन गांव काफी ऊंचाई पर होने के कारण अभी जल भराव की स्थिति नहीं है।

खोजनपुर से नर्मदापुरम शहर की और आने वाले बैक वॉटर से भी समस्या आती है। कलेक्टर ने नगर पालिका अधिकारी नर्मदापुरम को निर्देश दिए कि वह खोजनपुर से आने वाले बैक वॉटर को देखें, आवश्यकता पड़ने पर लोगों से संपर्क करके उन्हें आश्रय स्थल में शिफ्ट करें। कलेक्टर ने जिला होमगार्ड कमांडेंट को भी अपनी टीम के साथ 24 घंटे सतर्क रहने के निर्देश दिए। बताया गया की साडियां, सिवनी, खर्रा घाट में पानी है, लेकिन अभी उसके आसपास रहने वालों को शिफ्ट करने की स्थिति नहीं है। माच्छा तिघरा वाला मार्ग जरूर कुछ प्रभावित है। कलेक्टर ने निर्देश दिए की तटीय इलाकों के गांव में शुद्ध पेयजल, खाद्य पदार्थ एवं स्वास्थ्य सुविधाएं सभी को मुहैया हो। उन्होंने कहा कि ऐसे समय में बिजली सप्लाई निर्बाध गति से रहे। कहीं भी पशु हानि एवं जनहानि ना हो। कलेक्टर ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में भी कानून एवं व्यवस्था की स्थिति बेहतर रहे इसके लिए सभी अनुविभागीय दंडाधिकारी अपने नीचे के अमले तक को सतर्क रहने के निर्देश दें।

बैठक में पुलिस अधीक्षक डॉक्टर गुरु करण सिंह, जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी सोजान सिंह रावत, अपर कलेक्टर श्री डीके सिंह, सिटी मजिस्ट्रेट बृजेंद्र रावत एवं संबंधित अधिकारी उपस्थित रहे।

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