नर्मदापुरम। प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की अध्यक्षता में भोपाल में आत्म निर्भर पंचायत, समृद्ध मध्य प्रदेश विषय पर राज्य स्तरीय कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में प्राकृतिक खेती की उपयोगिता एवं इससे आदिवासी अंचल की स्वासहायता समूह की दीदियों को हुए लाभ को बताया गया। राज्य स्तरीय कार्यक्रम में तीन जिलों को ही मिला प्रस्तुतीकरण का अवसर जिसमें सीईओ जिला पंचायत नर्मदापुरम सौजान सिंह रावत द्वारा प्रस्तुतीकरण दिया गया। श्री रावत ने बताया कि नर्मदापुरम जिले में कलेक्टर नर्मदापुरम सोनिया मीना के मार्गदर्शन में की जा रही है प्राकृतिक सब्जी की पैदावार। मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत नर्मदापुरम सोजान सिंह रावत द्वारा ‘’फार्म टू किचिन’’ विषय पर अपना प्रस्तुतीकरण दिया गया। कार्यक्रम में पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग मंत्री प्रहलाद सिंह पटेल, मंत्री एन्दल सिंह कंसाना, कैलाश विजयवर्गीय, कुंअर विजय शाह आदि द्वारा सहभागिता की गयी। विशेष बात यह है कि राज्य स्तर पर मात्र तीन जिलों भोपाल, ग्वालियर एवं नर्मदापुरम को प्रस्तुतीकरण दिये जाने का अवसर प्रदान किया गया।
सीईओ जिला पंचायत श्री रावत द्वारा विषय के रूप में आदिवासी विकास खंड केसला जो कि कुपोषण हेतु चिन्हांकित भी है, में ग्रामीण आजीविका मिशन के स्व सहायता समूह की महिलाओं द्वारा किये जा रहे प्राकृतिक खेती को चुना गया था। सीईओ जिला पंचायत द्वारा बताया गया कि किस प्रकार 34 स्व सहायता समूहों के 102 महिला सदस्यों द्वारा 72 एकड में प्राकृतिक खेती करके न केवल उत्पादन की लागत को कम किया है बल्कि अपनी आर्थिक उन्नति भी की है। किस प्रकार महिलाओं का चयन, स्थल का चयन, सब्जी की प्रजातियों का चयन किया गया, उन्नत प्रशिक्षण महिलाओं को प्रदान किया गया, उत्पाद के सही विक्रय हेतु मार्केट लिंकेज कैसे संभव हुआ आदि का विस्तृंत व्यौरा सीईओ जिला पंचायत द्वारा कार्यक्रम में प्रस्तुत किया गया। साथ ही बताया गया कि प्राकृतिक खेती राशायनिक खेती से किस तरह उन्नत एवं फायदेमंद है एवं उन महिलाओं के भी उदाहरण प्रस्तुत किये गये जिनके द्वारा यह कार्य किया गया है।
जिला कलेक्टर के मार्गदर्शन में किये जा रहे उक्त कार्य के विषय में जानकारी दी गयी ’फार्म टू किचिन’’ अवधारणा में ग्रीन एन्ड ग्रेन्स संस्था द्वारा किये गये सहयोग का उल्लेख करते हुए बताया गया कि संस्था के सहयोग एवं ग्रामीण आजीविका मिशन की दीदियों की मेहनत एवं जिला स्तर पर किये गये शासकीय प्रयासों के माध्यम से किसानों की वार्षिक आय में 70 हजार से 1 लाख रूपये प्रतिवर्ष की वृध्दि सुनिश्चित हुई है। टमाटर एवं बैगन प्रसंस्करण के लिए सोलर ट्रायल की सुविधा उपलब्धय कराई जा रही है, भविष्य की कार्ययोजना बताते हुए अवगत कराया गया कि समूहों को सशक्त बनाने हेतु – माइक्रो-प्रोसेसिंग इकाइयाँ, दाल मिल, मसाला इकाई, बाजरा पोहा और बहुत कुछ को शामिल किया जा रहा है। कार्यक्रम में प्रदेश के 55 जिलों के मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत, जिला पंचायत अध्यक्ष, जिला पंचायत उपाध्यक्ष एवं सभी जनपद पंचायतों के मुख्य कार्यपालन अधिकारी उपस्थित रहे।