एकलव्य विद्यालयों के शिक्षकों की कार्यशाला संपन्न
नर्मदापुरम। भीड़ से अलग दिखना है तो कठिन रास्तों पर चलना पड़ेगा उक्त विचार अनुसूचित जाति तथा जनजातीय कार्य विभाग नर्मदापुरम के संभागायुक्त जेपी यादव ने आदिवासी विद्यार्थियों के लिए संचालित एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालयों मे नव नियुक्त शिक्षकों की एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालय केसला भरगदा के ऑडिटोरियम मे रविवार को आयोजित एक दिवसीय दिशा दर्शन कार्यशाला में व्यक्त किए। कार्यशाला में नर्मदा पुरम संभाग के पांच एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालय केसला, शाहपुर, भैंसदेही, चिचोली तथा रहटगांव के लगभग 150 प्राचार्य, शिक्षक और अन्य स्टाफ सम्मिलित हुआ ।
कार्यशाला में उपस्थित प्रतिभागियों को संबोधित करते हुए संभागीय उपायुक्त जनजातीय कार्य जे.पी. यादव ने कहा कि देश के विभिन्न हिस्सों से आकार नर्मदापुरम संभाग में नियुक्त हुए शिक्षकों का मध्य प्रदेश की धरती पर स्वागत है। मध्य प्रदेश एक सुन्दर, दर्शनीय, शांति की भूमि और प्रगतिशील प्रदेश है। उन्होंने कहा कि शिक्षक बच्चों को एक अच्छा नागरिक बनने की शिक्षा दें। बच्चों में चाहे ज्ञान कम हो लेकिन संवेदना, सहनशीलता, भाईचारे की भावना होना ज़रूरी है। नैतिक गुणों से ही सर्वांगीण विकास संभव है। अध्यापन कार्य में ज्ञान के साथ-साथ ज्ञान का प्रस्तुतीकरण महत्वपूर्ण है। ज्ञान कम हो सकने के बावजूद प्रभावी और रोचक प्रस्तुतीकरण विषय वस्तु को समझने में ज्यादा सहायक और सरल होते हैं। शिक्षकों को बच्चों के बड़े भाई-बहन की भूमिका का निर्वहन करना चाहिए, ताकि बच्चे अपनी समस्याओं को बिना संकोच के बता सकें। शिक्षकों को बच्चों के सामने आदर्श प्रस्तुत करना चाहिए, ताकि उनके पदचिन्हों पर चलकर बच्चे जीवन में सफल हो सकें। श्री यादव ने तनाव प्रबंधन पर भी शिक्षकों से चर्चा की। उन्होंने कहा कि तनाव को कम करने के लिए जिंदगी में कुछ शौक जरूरी है। गाना गाइये, चित्रकारी करिए, अपने विचारों को लिखना सीखिए, पुस्तकें सबसे अच्छी दोस्त है उन्हें पढ़ना सीखिए, मोबाइल की जगह रीडिंग हैबिट को विकसित करें, अच्छी संगत और अच्छे विचारों का साथ रखें। नकारात्मक विचार और नकारात्मक लोगों से अपने को दूर रखें। प्रकृति के करीब रहें। भूतकाल की घटनाओं को भूलकर और भविष्य की चिंता किए बिना वर्तमान में जीना सीखें। कोई भी समस्याएँ स्थाई नहीं है। शिक्षक आत्म अनुशासित, सक्रिय, रचनात्मक और नवाचारी बनें। अपनी अलग पहचान बनाना है तो ऐसा कुछ अलग करके दिखाना होता है जो ओर लोग नहीं कियें हों। भीड़ से अलग दिखना है तो कठिन रास्तों पर चलें।
कार्यशाला में मास्टर ट्रेनर विजयन्त सिंह ठाकुर ने मूल्य आधारित शिक्षा तथा शिक्षा में कौशल एवं पीटर रेबेलो द्वारा एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालय की परिकल्पना उद्देश्य तथा नई शिक्षा नीति पर प्रभावी प्रस्तुतिकरण दिया। प्रभारी सहायक आयुक्त संजय द्विवेदी ने स्वागत भाषण दिया। इस अवसर पर प्रतिभागी शिक्षकों ने अपने फीडबैक में कार्यशाला को प्रभावी और उपयोगी बताया तथा भविष्य में इसी प्रकार के आयोजन करने की आवश्यकता बताई।
इस अवसर पर प्रतिभागी शिक्षक साधवी पाटील शाहपुर, ईशा सिंह केसला, एकता रस्तोगी, नितिन भालेकर (रहटगाँव), दीक्षा मीणा, कृष्णा गुर्जर भैंसदेही तथा सचिन तिवारी ने अपनी विभिन्न प्रस्तुतियों दी। संस्था की प्राचार्य श्रीमती मीनू नागर ने अतिथियों का स्वागत किया तथा आभार व्यक्त किया। कार्यशाला में अन्य संस्थाओं के प्राचार्य गुलाब राय बर्डे शाहपुर, निशांत पडंया भैंसदेही, दौलत हिंगवे चिचोली भी उपस्थित रहे।