राजस्‍व अधिकारियों को तीन नए कानून की जानकारी दी गई

डीपीओ ने 3 नए कानूनों से राजस्‍व अधिकारियों को अवगत कराया

नर्मदापुरम।  1 जुलाई 2024 से अस्तित्व में आए तीन नए कानून की जानकारी से सभी राजस्‍व अधिकारियों को अबगत कराने के लिए गत दिवस कार्यशाला का आयोजन रेवा सभाकक्ष में किया गया। डीपीओ राजकुमार नैमा एवं एडीपीओ दिनेश कुमार यादव ने नर्मदापुरम जिले के सभी अनुविभागीय अधिकारियों, तहसीलदार, नायब तहसीलदार एवं प्रवाचकों को 3 नए कानून भारतीय साक्ष्‍य अधिनियम 2023, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 एवं भारतीय न्‍याय संहिता 2023 के नए प्रावधानों की विस्‍तृत रूप से जानकारी दी।

      कार्यशाला में डीपीओ राजकुमार नेमा एवं असिस्टेंट डीपीओ दिनेश कुमार यादव ने सरल भाषा में तीन नए कानून की व्याख्या की, श्री नेमा ने बताया कि भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 में त्वरित न्याय,  आधुनिक और वैज्ञानिक पद्धति से अनुसंधान, अनुसंधान में पारदर्शिता, पीड़ित केंद्रित को ध्यान में रखते हुए हुए भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 के रूप में एक नवीन कानून पारित किया गया है। भारतीय नागरिक सुरक्षा अधिनियम के तहत उन्होंने जमानत, गिरफ्तार व्यक्ति की शिनाख्त, समन का प्रारूप, अभियुक्त की चिकित्सा,  समन की तामिली, तलाशी जप्ती की वीडियो रिकॉर्डिंग, अपराध द्वारा प्राप्त संपत्ति के संबंध में कार्रवाई आदि के संबंध में विस्तार से जानकारी दी। श्री नेमा ने बताया कि नए कानून में जीरो एफआईआर एवं ई एफआईआर पर प्रारंभिक जांच का प्रावधान किया गया है । कार्यशाला में श्री नेमा ने संज्ञेय मामलों का अन्वेषण, अन्वेषण की प्रक्रिया पुलिस द्वारा साक्षी का कथन,  पुलिस द्वारा साक्षी का कथन लेने के लिए सूचना देना, मजिस्ट्रेट द्वारा सस्वीकृति और कथन अभी लिखित करना आदि के संबंध में विस्तार से जानकारी दी ।

      श्री नेमा ने सेक्शन 95 के संबंध में जानकारी देते हुए बताया कि अब नए कानून के अनुसार किसी बच्चे को भाड़े पर लेकर अपराध कराया गया तो संबंधित व्यक्ति को 3 से 10 वर्ष तक की सजा का प्रावधान किया गया है । समूह द्वारा हत्या या माव लिंचिंग करने पर मृत्यु दंड का प्रावधान है , यदि कोई व्यक्ति भारत सरकार को धमकी देता है तो उसे आतंकवादी कृत्य की श्रेणी में रखा गया है ।  विदेश में बैठकर यदि कोई व्यक्ति भारत में अपराध कर रहा है तो उस व्यक्ति को बुलाकर भी दंड अधिरोपित किया जाएगा।  श्री नेमा ने बताया कि नए कानून के तहत इलेक्ट्रॉनिक साक्ष्य को भी मान्य किया गया है । ईमेल, व्हाट्सएप के संदेश को भी साक्ष्य माना गया है।

      कार्यशाला में सभी राजस्‍व अधिकारी उपस्थित थे।

About The Author