नर्मदापुरम। मध्यप्रदेश वन विभाग और Wildlife Conservation Trust (WCT) द्वारा बाघ पर्यावरण और जैव विविधत्ता की सुरक्षा, संरक्षण और अध्ययन के उद्देश्य से पहली बार सतपुड़ा टाइगर रिजर्व और कान्हा पेंच कॉरिडोर के 5800 वर्ग कि.मी. के विशाल क्षेत्र में कैमरे लगाये गये थे। क्षेत्र में कुछ स्थानों पर न केवल यूरेशियन ऊदबिलाव (लुट्रा लुट्रा) की उपस्थिति बल्कि भारत में इस प्रजाति के पहली बार प्रमाणिक फोटोग्राफिक साक्ष्य भी उपलब्ध हुये। हाल ही में सतपुड़ा टाइगर रिजर्व, नर्मदापुरम के क्षेत्र संचालक श्री एल. कृष्णमूर्ति एवं उपसंचालक सुश्री पूजा नागले के निर्देशन में सतपुड़ा टाइगर रिजर्व, नर्मदापुरम के डॉ० गुरुदत्त शर्मा एवं रेस्क्यू टीम तथा WCT से डॉ० प्रशांत देशमुख व WCT टीम के सहयोग से परिक्षेत्र कामती की नागद्वारी नदी के स्वच्छ जल में पाये गये यूरेशियन ऊदबिलाव (Otter) का सूक्ष्मता से अध्ययन करने हेतु सुरक्षित रेस्क्यू कर रेडियो चिप लगाकर उसे उसके आवास स्थल के समीप रिलीज करने में सफलता हासिल की गई।
सतपुडा टाइगर रिजर्व के स्वच्छ जल में पाये गये अत्यंत दुर्लभ यूरेशियन ऊदबिलाव (Otter) को प्रकृति संरक्षण के लिये अंतराष्ट्रीय संघ (IUCN) द्वारा घटती संख्या के कारण विलुप्त प्राय श्रेणी में रखा गया है। पर्यावरण और जैव विविधता की सुरक्षा, संरक्षण में विशेष योगदान देने वाले यूरेशियन ऊदबिलाव का जीवनकाल मात्र चार वर्ष का होता है और यह 3-4 बच्चे ही देते हैं। इसका मुख्य भोजन मछली है, यह जल तथा थल दोनों में विचरण करता है।