औद्योगिक,  वाणिज्यक,  रहवासी,  शांत क्षेत्र के घ्वनि प्रदूषण अनुमत्य घ्वनि सीमा निर्धारित

सभी अनुविभागों में धर्मगुरूओ की बैठक आयोजित कर दी गई जानकारी

नर्मदापुरम। राज्य शासन के गृह विभाग द्वारा दिये गये दिशा निर्देशानुसार घ्वनि प्रदूषण अनुमत्य ध्वनि सीमा के संबंध में शुक्रवार को सभी अनुविभागों में धर्मगुरुओं की बैठक आयोजित की गई। बैठक में बताया गया कि गृह विभाग द्वारा दिये निर्देशानुसार ध्वनि प्रदूषण (विनियम एवं नियंत्रण) नियम 2000 के नियम के तहत अधिकतम अनुमत्य ध्वनि सीमा (डेसीबल) निर्धारित की गई है। जिसके तहत दिन के समय में अनुमत्य सीमा औद्योगिक क्षेत्र के लिए 75 और रात्रि के समय 70, वाणिज्यिक क्षेत्र दिन के लिए 65 रात्रि में 55 तथा रहवासी क्षेत्र दिन में 55 रात्रि में 45 तथा शांत क्षेत्र दिन में 50 रात्रि में 40 डेसीबल निर्धारित कि गई है। अनुमत्य सीमा का पालन कराने के लिए शिकायत प्राप्त होने पर जांच एवं त्वरित कार्यवाही के लिए उड़नदस्ता गठित किया जाएगा संबंधित उड़नदस्ते द्वारा जांच एवं प्राप्त शिकायत पर जांच कर कोलाहल नियंत्रण अधिनियम एवं ध्वनि प्रदूषण (विनियम एवं नियंत्रण) नियम 2000 के प्रावधानों के अनुसार कार्यवाही करेंगे।

      नर्मदापुरम में एसडीएम श्री आशीष पांडे ने एसडीएम कार्यालय में आयोजित बैठक में धर्मगुरुओं को उक्त निर्देशों की जानकारी दी गई। इस दौरान नगर पालिका अध्यक्ष नीतू महेंद्र यादव, जनपद अध्यक्ष भूपेंद्र चौकसे , सिटी मजिस्ट्रेट संपदा सराफ, एसडीओपी पराग सैनी सहित विभिन्न संप्रदाय के धर्मगुरु उपस्थित रहें। बैठक में बताया गया कि धार्मिक स्थलों एवं अन्य स्थानों में ध्वनि विस्तारक यंत्रों, लाउडस्पीकर, डीजे, संबोधन प्रणाली का प्रयोग कोलाहल नियंत्रण अधिनियम के अंतर्गत निर्धारित तीव्रता के साथ ही किया जाए जिसमें यथासंभव दो मध्यम आकार के लाइडस्पीकरों का प्रयोग निर्धारित मापदण्डों के अनुरूप ही किया जाए। ध्वनि विस्तारक यंत्र के उपयोग के लिए संबंधित अनुविभागीय अधिकारी राजस्व से अनुमति लेना अनिवार्य होगा। ध्वनि विस्तारक यंत्रों के अनियंत्रित व नियम विरुद्ध प्रयोग पर संबंधित के विरुद्ध नियमानुसार विधिक कार्रवाई की जाएगी। सभी से आग्रह किया गया है कि उक्ताशय में आवश्यक कार्यवाही करते हुए यथाशीघ्र समस्त धार्मिक स्थलों पर नियमानुसार नियंत्रित एवं निर्धारित ध्वनि विस्तारक यंत्रों का ही प्रयोग करे।

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