नर्मदापुरम। मध्यप्रदेश राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण, जबलपुर के निर्देशानुसार एवं प्रधान जिला एवं सेशन न्यायाधीश / अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण नर्मदापुरम के मार्गदर्शन एवं सचिव/जिला न्यायाधीश, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण नर्मदापुरम के निर्देशन में 01 दिसंबर विश्व एड्स दिवस के उपलक्ष्य में विधिक साक्षरता शिविर एवं जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन ए०डी आर० सेंटर नर्मदापुरम में किया गया। उक्त विधिक साक्षरता जिला विधिक सेवा प्राधिकरण नर्मदापुरम द्वारा स्वास्थ्य विभाग एवं प्रियांशी टी०आई० एवं संपूर्ण सुरक्षा केन्द्र के समन्वय से आयोजित किया गया।
जिला न्यायाधीश, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण नर्मदापुरम द्वारा बताया गया कि एड्स एक ऐसी जानलेवा बीमारी है जो मानवीय प्रतिरक्षी अपूर्णता विषाणु (एचआईवी) संक्रमण के बाद होती है। एचआईवी संक्रमण के पश्चात मानवीय शरीर की प्रतिरोधक क्षमता घटने लगती है। एड्स का पूर्ण रूप से उपचार अभी तक संभव नहीं हो सका है। एचआईवी संक्रमित व्यक्ति में एड्स की पहचान संभावित लक्षणों के दिखने के पश्चात ही हो पाती है। रोग रोकथाम एवं निवारण केंद्र द्वारा एड्स के संभावित लक्षण बताये गए हैं। एचआईवी संक्रमित व्यक्ति, जो किसी गंभीर बीमारी से ग्रसित नहीं है, में एड्स के लक्षणों की जाँच विशेष रक्त जाँच (cd4 कोशिका गणना) के आधार पर की जा सकती है। एचआईवी संक्रमण का अर्थ यह नहीं है कि वह व्यक्ति एड्स से भी पीड़ित हो। एड्स के लक्षण दिखने में 8 से 10 वर्ष तक का समय लग सकता है। एड्स की पुष्टि चिकित्सकों द्वारा जाँच के पश्चात ही की जा सकती है। एचआईवी संक्रमण शरीर की प्रतिरोधक क्षमता को इस हद तक कम कर देता है कि इसके बाद शरीर अन्य संक्रमणों से लड़ पाने में अक्षम हो जाता है। इस प्रकार के संक्रमण को “अवसरवादी” संक्रमण कहा जाता है क्योंकि ये अवसर पाकर कमजोर हो रहे प्रतिरक्षा प्रणाली पर हावी हो जाते हैं ,जो बाद में एक बीमारी का रूप ग्रहण कर लेती है। एड्स प्रभावित लोगों में हुए कई संक्रमण, जो गंभीर समस्या पैदा कर सकते हैं या जानलेवा हो सकते हैं, को शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली नियंत्रित करती है। एड्स शरीर की प्रतिरोधक क्षमता को इतना दुष्प्रभावित कर देता है कि इस गंभीर बीमारी की रोकथाम या इसका उपचार करना आवश्यक हो जाता है।
उक्त विधिक साक्षरता शिविर में जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव / जिला न्यायाधीश गौतम भट्ट, जिला विधिक सहायता अधिकारी कु० अंकिता शांडिल्य, कार्यालयीन स्टॉफ, मुकेश खरे, मनोज कुमार सोनी, महेन्द्र गुप्ता, पूरनसिंह बघेल, प्रियांशी एजुकेशन कल्चर सोशल सोसाइटी एनजीओ टी आई मैनेजर मीनाक्षी बाथरी, जिला चिकित्सालय से आईसीटीसी काउंसलर प्रकाश यादव, विवेक पटवा, राजेंद्र द्विवेदी, और संपूर्ण सुरक्षा केंद्र से प्रोग्राम मैनेजर रक्षा शुक्ला और समस्त टी आई स्टाफ सम्मिलित रहा।