कृषक उन्नत खेती करने के लिए सुपर सीडर यंत्र का उपयोग करें – संभागायुक्त युवा कृषक

खेती में उन्नत तकनीक का उपयोग करें

नर्मदापुरम। नर्मदापुरम संभागायुक्त के जी तिवारी गुरुवार को सिवनी मालवा के ग्राम पिपलिया कला पहुंचे यहां उन्होंने प्रगतिशील कृषक विकास रघुवंशी के खेत पर जाकर सुपर सीडर यंत्र का अवलोकन किया। किसान विकास रघुवंशी ऐसे प्रगतिशील किसान है जिन्होंने एग्रीकल्चर विषय से पढ़ाई कर सबसे पहले अपने 30 एकड़ के खेत में सुपर सीडर यंत्र के माध्यम से खेती में नया प्रयोग किया। उन्होंने नरवाई काटने के लिए सुपर सीडर यंत्र का उपयोग किया। सुपर सीडर यंत्र के माध्यम से खेती के अधिकांश काम आसान हो जाते हैं। श्रम एवं समय की बचत होती है साथ ही जमीन की नरमाई भी बरकरार रहती है जो फसल वृद्धि एवं फसल को गुणवत्ता प्रदान करती है। संभागायुक्त ने प्रगतिशील किसान विकास रघुवंशी की प्रशंसा करते हुए कहा कि सभी कृषक विशेष तौर पर युवा शिक्षित कृषक सुपर सीडर यंत्र का उपयोग करें। सुपर सीडर यंत्र पर्यावरण संरक्षण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। सुपर सीडर यंत्र से श्रम एवं समय की बचत होती है क्योंकि सुपर सीडर यंत्र से एक दिन में ही खेत की नरवाई को काटकर छोटे टुकड़े करके मिट्टी में दबा दिया जाता है इससे खेत को पोषक तत्व मिलते हैं। इससे समय की भी बचत होती है। डीजल भी कम उपयोग होता है और इस दौरान जमीन को खेती को लाभ पहुंचाने वाले जीवाश्म एवं कीटाणु जमीन को नमी प्रदान करते हैं। बीड़ में सुधार होता है ईलिड मैं सुधार होता है। वातावरण भी अच्छा होता है। साथ ही डीएपी या फर्टिलाइजर का कम से कम उपयोग कर उन्नत फसल की प्राप्ति की जा सकती है। प्रदूषण में रोकथाम होती है। सुपर सीडर यंत्र कम्‍बाईन हार्वेस्‍टर से अधिक ऊचांई पर फसल की कटाईउपरांत तत्‍काल बिना जुताई अगली फसल की बुआई करता है। फसल अवशिष्‍टों को जलाने की कुप्रथा इससे हत्‍तोउत्‍साहित होती है एवं इससे पर्यावरण और संरक्षित कृषि को प्रोत्‍साहन मिलता है। सिंचाई जल में उल्‍लेखनीय बचत के साथ उत्‍पादन की मात्रा और गुणवत्‍ता में वृद्धि करता है। खरपतवारों के अंकुरण पर प्रभावी नियंत्रण करता है। फसल अवशेषों को मिट्टी में मिलाकर खाद्य बनाने में यह यंत्र उपयोगी है।

      विकास रघुवंशी ने बताया कि उनके द्वारा सुपर सीडर यंत्र का उपयोग करने से उनकी धान की फसल की बंपर पैदावार हुई है। साथ ही धान की फसल उच्च क्वालिटी की भी है। संभागायुक्त ने कहा कि सभी कृषक सुपर सीडर यंत्र का उपयोग कर समय एवं श्रम की बचत करें एवं पर्यावरण संरक्षण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएं। उक्त यंत्र की लागत 3 लाख रुपए है जिसमें से 1 लाख 5 हजार रुपए अनुदान मिलता है, तथा 50% की सब्सिडी भी दी जाती है। 1 लाख 35 हजार रुपए में यंत्र प्राप्त हो जाता है। कृषक प्रमोद रघुवंशी एवं आसपास के ग्रामीणों ने संभागायुक्त को बताया कि जब प्रगतिशील किसान विकास रघुवंशी ने सुपर सिडर यंत्र खरीदा तो पहले सब ने उसका मजाक उड़ाया लेकिन जब उन लोगों ने देखा कि एक ही दिन में नरवाई का निदान किया जा सकता है तो इससे उन सब लोगों को प्रेरणा मिली। आज उनसे प्रेरणा लेते हुए गांव में दो से तीन और अन्य किसानों ने सुपर सीडर यंत्र क्रय किया है और उनका उपयोग कर रहे हैं। ग्रामीणों ने बताया कि जब से सुपर सीडर यंत्र आई है तब से खेतों में नरवाई का बेहतर प्रबंध हो रहा है, खेती में सहूलियत हो गई है। मिट्टी की उर्वरा शक्ति बढ़ गई है क्योंकि इससे खेती को लाभ पहुंचाने वाले जीवाश्म मिट्टी में मिलकर मिट्टी को नरम रखते हैं। फसलों के लिए लाभदायक कीटाणु जीवाश्म सुरक्षित रहता है। ईलिट में सुधार हो रहा है‌। अब डीएपी एवं यूरिया तथा फर्टिलाइजर का बहुत ही कम मात्रा में खेतों में उपयोग किया जा रहा है। धान भी बेहतर क्वालिटी की हो रही है। खेत साफ करने के लिए जहां पहले तीन गुना श्रम, तीन गुना समय और तीन गुनी लागत आती थी वहीं अब एक दिन में कम से कम समय में कम लागत में और कम डीजल में खेत को समतल कर कार्य किया जा रहा है।

 ग्रामीणों ने ट्रांसफार्मर बंद होने की एवं विद्युत खंभा टेढ़ा होने की शिकायत की

 संभागायुक्त के जी तिवारी को अपने बीच पाकर पिपलिया कला के ग्रामीण काफी प्रसन्न थे। पिपलियाकलां के दुर्गेश रघुवंशी, प्रमोद रघुवंशी, सियाराम रघुवंशी, विनोद रघुवंशी एवं राजू रघुवंशी ने संभागायुक्‍त को बताया कि कृषि में अभी पलेवा का समय चल रहा है और साथ ही गांव में लगे ट्रांसफार्मर की बिजली एमपीबी द्वारा काट दी गई है। जबकि सभी किसानों के द्वारा समय पर बिल का भुगतान भी किया जा रहा है। ग्रामीणों ने बताया कि एमपीबी के कहने पर ही उन्होंने ठेकेदार सचिन धाकड़ से डेढ़ लाख रूपए देकर ट्रांसफार्मर लगाया था। लेकिन एमपीबी ने लाइट काट दिया है जिससे पलेवा करने में सिंचाई करने में दिक्कत आ रही है। ग्रामीणों ने बताया कि एडिशनल ट्रांसफार्मर हमें लगाना पड़ रहा है। ग्रामीणो ने अवगत कराया की सिंचाई के लिए 10 घंटे की बजाय मात्र 6 घंटे बिजली प्राप्त हो रही है वह भी टुकड़े टुकड़े में मिलती है। ग्रामीणों ने मुख्य सड़क पर स्थित विद्युत विभाग के खंभे के टेढ़ा होकर गिरने की कगार पर खड़े होने की शिकायत की और कहां की खंबा सीधा किया जाए। संभागायुक्त ने सभी ग्रामीणों को आश्वासन दिया कि जल्द ही पिपलिया कला के गांव की बिजली की समस्या का समाधान किया जाएगा। वे स्वयं अधीक्षण यंत्री एमपीबी से बात करेंगे।

संभागायुक्‍त ने बमूरिया में सिंचाई के लिए 6 दिन लगातार पानी देने के निर्देश दिए

      संभागायुक्‍त के.जी. तिवारी ने गुरूवार को ग्राम बमुरिया पहुंचे। यहां ग्रामीणों ने संभागायुक्‍त से पलेवा के लिए सप्‍ताह में 6 दिन लगातार पानी देने की मांग की साथ ही कहा कि बमुरिया माईनर नहर को पक्‍का किया जाए तथा मूंग के सीजन में भी उन्‍हें सिंचाई के लिए तवा नहर से पानी दिया जाए। संभागायुक्‍त ने मौके पर मौजूद संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिए कि बमुरिया में किसानों को पलेवा हेतु लगातार 6 दिन पानी दिया जाए। उन्‍होने मूंग सिंचाई के लिए भी पानी देने एवं माईनर नहर को पक्‍का करने का आश्‍वासन दिया।

       भ्रमण के दौरान संयुक्त आयुक्त विकास जी सी दोहर , जल संसाधन विभाग के अधिक्षण यंत्री राजाराम मीना, जल संसाधन विभाग सिवनी मालवा राजश्री कटारे एवं कृषि विभाग के अधिकारीगण उपस्थित रहें।

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