गांधी मैदान और वीर सावरकर मैदान में जले रावण-कुंभकर्ण के पुतले 

इटारसी। इस वर्ष दशहर के एक दिन पूर्व से मौसम बिगडऩे और वर्षा होने से दशहरा उत्सव की व्यवस्था बनाने में काफी मशक्कत करनी पड़ी। विपरीत मौसम के बावजूद हजारों की संख्या में रावण का पुतला दहन देखने बड़ी संख्या में दर्शक मैदानों पर पहुंचे थे। गांधी मैदान में रावण और कुंभकर्ण के करीब 50 फिट ऊंचे पुतले बनाये गये थे। रामलीला दशहरा मैदान गांधी स्टेडियम में शाम से लोग आना शुरू हो गए थे। ये लोग लंकाधिपति रावध का वध देखने आए थे। भगवान राम और लक्ष्मन ने शक्ति पूजन मां दुर्गा और मां काली से शक्ति पाकर रावण का वध किया। इसके बाद यहां बुराई के प्रतीक के तौर पर बनाए गए रावण का पुतला जल उठा। बारिश के कारण पुतलों के पास ही आतिशबाजी की गई थी। पुतलों में पटाखे भी लगाए गए थे। इस दृश्य को यहां आए लोगों ने अपने मोबाइल के कैमरा में कैद कर लिया। यहां रामलीला मंचन के दौरान रावण वध के बाद राम जी का अयोध्या पहुंचने और वहां उनका राज्य अभिषेक होने तक का मंचन किया गया। इस अवसर पर विस अध्यक्ष डॉ सीतासरन शर्मा,  पालिका अध्यक्ष पंकज चौरे, राहुल चौरे मप्न तैराकी संघ अध्यक्ष पीयूष शर्मा, पूर्व नपाध्यक्ष नीलम गांधी, रवि जैसवाल, सुधा अग्रवाल, राकेश जाधव, नगर, सहित नपा के पार्षद, अधिकारी-कर्मचारी, पुलिस और राजस्व के अधिकारी और कर्मचारी मौके पर मौजूद रहे। पुरानी इटारसी में भी हुआ रावण दहन पुरानी इटारसी वीर सावरकर दशहरा मैदान पर भी रावण दहन किया गया। यहां गांधी स्टेडियम रामलीला महोत्सव के बाद लंकेश वध का कार्यक्रम किया गया। यहां भी बड़ी तादाद में पब्लिक लंकाधिपति के प्रतीक पुतले का दहन होते देखने को आई थी। अतिथियों ने रावण दहन के बाद श्री राम का राज्याभिषेक किया।

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