अनुसूचित जाति , जनजाति के पीड़ित व्यक्तियों को  प्राथमिकता से राहत राशि देना सुनिश्चित किया जाए — सांसद श्री दर्शन सिंह चौधरी

जिला स्तरीय सतर्कता एवं मॉनिटरिंग समिति की बैठक संपन्न

नर्मदापुरम। नर्मदापुरम सांसद श्री दर्शन सिंह चौधरी ने कहां की जिले में अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति वर्ग के पीड़ित व्यक्तियों को शासन के प्रावधान अनुसार प्राथमिकता से राहत राशि देना सुनिश्चित किया जाए, यदि कहीं अनुसूचित जाति एवं जनजाति वर्ग के व्यक्तियों के विरुध अत्याचार एवं अपराध होता है तो ऐसे प्रकरणों में प्राथमिकता से प्रकरण दर्ज कर संबंधित पीड़ित व्यक्ति को न्याय दिलाने के लिए हर संभव प्रयास किए जाएं । उन्हें नियम अनुसार राहत राशि दी जाए एवं अत्याचार करने वाले व्यक्ति के विरुध शासन के नियम अनुसार कठोर से कठोर कार्रवाई की जाए। उल्लेखनीय है कि सांसद दर्शन सिंह चौधरी ने गुरुवार को जिला स्तरीय सतर्कता एवं मॉनिटरिंग समिति की समीक्षा बैठक में उक्त निर्देश दिए।

      सहायक आयुक्त जनजाति कार्य विभाग नर्मदा पुरम के तत्वाधान में कलेक्टर सभा कक्ष में आयोजित बैठक में नगर पालिका नर्मदा पुरम की अध्यक्ष श्रीमती नीतू महेंद्र यादव, मध्यप्रदेश तैराकी संघ के अध्यक्ष पीयूष शर्मा, विधायक प्रतिनिधि महेंद्र यादव, कलेक्टर सोनिया मीना, पुलिस अधीक्षक डॉक्टर गुरु करण सिंह, अपर कलेक्टर डीके सिंह एवं अन्य जनप्रतिनिधि गण तथा संबंधित अधिकारीगण उपस्थित थे।

      सहायक आयुक्त जनजातीय कार्य विभाग संजय द्विवेदी ने बताया कि अत्याचार निवारण अधिनियम अंतर्गत पुलिस थानों में 1 जनवरी 2024 से 31 अगस्त 2024 तक विभिन्न अपराधों के अंतर्गत अनुसूचित जाति के एवं अनुसूचित जनजाति के पीड़ित व्यक्तियों ने अपने ऊपर होने वाले अत्याचार के विरुद्ध अपराध दर्ज कराए हैं। इसके अनुसार इस अवधि में अनुसूचित जाति के 118 एवं अनुसूचित जनजाति के 42 पीड़ितों ने विभिन्न अपराध होने से संबंधित प्रकरण दर्ज कराए हैं, तथा  इससे संबंधित न्यायालयों में 125 प्रकरण में चालान प्रस्तुत किया गया है। विवेचना के लिए 43 प्रकरण लंबित है। 60 दिनों से अंदर के 27 प्रकरण लंबित है 60 दिनों से अधिक के 16 प्रकरण लंबित है। सांसद दर्शन दिन चौधरी ने कहा कि पिछले साल के मुकाबले प्रकरण घटे हैं, लोगों में जागरूकता आई है कि अनुसूचित जाति एवं जनजाति के व्यक्तियों के पर अत्याचार नहीं करना चाहिए। बताया गया कि अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति के पीड़ित व्यक्तियों के पक्ष में गवाही देने वालों को ₹350 एवं मजदूरी में 18 सौ रुपए, भरण पोषण के अंतर्गत  430 सो रुपए की राशि न्यायालय द्वारा स्वीकृत की गई है।

      सहायक आयुक्त संजय द्विवेदी ने बताया कि सामान्यतः हत्या, रेप अपमान और अन्य प्रकार के प्रकरण सामने आते हैं। श्री द्विवेदी ने अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम 19 89 के तहत राहत राशि भुगतान की स्थिति की जानकारी देते हुए बताया कि अनुसूचित जाति के 155 प्रकरण में 112.15 लाख रुपए एवं अनुसूचित जनजाति के 84 प्रकरण में 70.80 लाख रुपए की राशि स्वीकृत की गई है। पीड़ितों को राहत राशि का भुगतान ऑनलाइन किया जाता है। सांसद श्री चौधरी ने निर्देश दिए की सभी प्रकरणों का बारीकी से परीक्षण कर पीड़ित व्यक्तियों को न्याय दिलाया जाए। बताया गया कि अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति के व्यक्ति की यदि किसी अन्य वर्ग द्वारा हत्या कर दी जाती है तो पीड़ित पक्ष को  8.25 लाख, अपमानित करने पर 1 लाख की राशि, मानसिक प्रताड़ना आत्महत्या पर चार लाख रुपए की राहत राशि दी जाती है। उक्त राशि विभिन्न चरणों में दी जाती है एफआईआर दर्ज  होने पर 25% राशि, चालान काटने पर 50%, न्यायालय के द्वारा पक्ष में निर्णय होने पर शेष 25% की राशि ऑनलाइन दी जाती है।

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