नर्मदापुरम।शिक्षकों की शाला में समय पर उपस्थिति सुनिश्चित करने के लिए संभागीय उपायुक्त जनजाति कार्य जेपी यादव द्वारा सतत रूप से विद्यालय का भ्रमण कर औचक निरीक्षण किया जा रहा है तथा लापरवाहों पर कार्यवाही की जा रही है। शुक्रवार को संभागीय उपायुक्त ने केसला विकासखंड के अमझिरा, चाटुआ, जालीखेड़ा, धसाई का औचक निरिक्षण किया। श्री यादव प्रात: 10.30 बजे अमझिरा पहुंचे, जहाँ चारों नियमित शिक्षक अनुपस्थित मिले। गाँव के ही अजय कासदे और कामना नाम की अतिथि उपस्थित पाई गई, हालांकि इनका अतिथि शिक्षक का कोई आदेश नही है। शिक्षक विकेश मालवीय, राहुल शर्मा, घनश्याम चौकने अनुपस्थित पाए गए। श्रीमती अनीता कुंडू एक जुलाई से मेडिकल अवकाश पर पाई गई। विकास खंड शिक्षा अधिकारी को निर्देशित किया गया कि श्रीमती कुंडू का जिला मेडिकल बोर्ड से परीक्षण कराया जाए। इस विद्यालय में दर्ज 19 बच्चों में से केवल 10 बच्चे उपस्थित मिले। प्राथमिक एवं माध्यमिक शाला में ताला लगा पाया गया। पालक समिति के अध्यक्ष ने चर्चा में बताया कि शिक्षक नियमित रूप से समय पर नहीं आते, और आते भी यह तो जल्दी चले जाते है। विद्यालय प्रांगण में बच्चे नहीं पाए। पालक समिति अध्यक्ष द्वारा बताया गया कि शिक्षक के आने पर ही बच्चे स्कूल पहुंचते हैं। प्राथमिक शाला जालीखेड़ा मे शिक्षक संघ की अध्यक्ष श्रीमती सुषमा मौर्य और श्रीमती भगवती चौहान विलम्ब से 11.35 बजे विद्यालय पहुंची। परिक्षण करने पर कक्षा 3 के विद्यार्थियों को किताब पड़ना नहीं आया। प्राथमिक और माध्यमिक शाला धसाई में श्रीमती हेमलता शिक्षक 11 से 13 जुलाई तक अवकाश पर होना पाई गई। गांव में किसी लड़की की मृत्यु होने के कारण केवल 8 बच्चे विद्यालय पहुंचे। विलम्ब से उपस्थित होने तथा अनाधिकृत रूप से अनुपस्थित रहने वाले शिक्षकों को संभागीय उपायुक्त जे पी यादव ने वेतन काटे जाने हेतु कारण बताओ सूचना पत्र जारी कर तीन दिवस में जवाब चाहा है। स्कूलों के निरीक्षण उपरांत विकासखंड शिक्षा अधिकारी कार्यालय केसला में क्षेत्र के विकासखंड शिक्षा अधिकारी, खंड स्त्रोत समन्वयक, खंड शैक्षणिक समन्वयक तथा जनशिक्षकों की बैठक ली। संभागीय उपायुक्त ने कहा की शिक्षकों के समय पर उपस्थित न होने में आपकी कार्यप्रणाली का भी दोष है। आप नियमित नियमित निरिक्षण करते और कार्यवाही करते तो शिक्षकों की हिम्मत नही होती की वे विलम्ब से उपस्थित हों या अनधिकृत रूप से अनुपस्थित रहते। प्राथमिक शिक्षा पूरे जीवन की बुनियाद है, लेकिन लापरवाही के कारण बच्चों की नीव कमजोर हो रही है। सरकारी स्कूल के शिक्षकों को हज़ारों का वेतन मिलता है, लेकिन काम की गुणवत्ता आत्मसम्मान के विरुद्ध होकर अपराध है। आप लोग स्कूलों का आकस्मिक भ्रमण 10:30 बजे के पूर्व उपस्थित होकर करें तथा 3:00 बजे बाद भी करें ताकी शिक्षक जल्दी स्कूल न छोड़ सकें। पढ़ाई की गुणवत्ता का भी परीक्षण करें। अनुपस्थित और विलम्ब से उपस्थित होने वाले शिक्षकों के विरुद्ध सक्षम अधिकारी को कार्यवाही के प्रस्ताव तत्काल प्रेषित करना करना होंगे। व्यवस्था में सुधार ज़रूरी है। उपायुक्त ने कहा कि शिक्षक की गरिमा तब है जब वो अपने कर्तव्य पालन को ठीक से करे। निरीक्षण और कार्यवाही का साप्ताहिक प्रतिवेदन मेरे कार्यालय को नियमित रूप से भेजें। बैठक में विकास खंड शिक्षा अधिकारी श्रीमती आशा मौर्य, वी.आर.सी. के. के. शर्मा तथा विकास खंड केसला के जनशिक्षक उपस्थित थे।
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