बैतूल। जिला चिकित्सालय के नवीन एमसीएच भवन में बुधवार को सिकलसेल रोगी टीकाकरण कार्यक्रम आयोजित किया गया। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ राजेश परिहार ने बताया कि कार्यक्रम में दोपहर पश्चात् तक 70 बच्चों का टीकाकरण किया गया।
केन्द्रीय राज्य मंत्री जनजातीय मामले भारत सरकार श्री दुर्गादास उइके ने कहा कि प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री एवं राज्यपाल महोदय के नेतृत्व में पूरे भारत में सिकल सेल अभियान, क्षय रोग उन्मूलन अभियान, एनीमिया अभियान चलाये जा रहे हैं। सिकलसेल टीकाकरण सम्पूर्ण जिले में किया जा रहा है। इससे 0 से 20 वर्ष आयु तक के बच्चे सुरक्षित हो रहे हैं ये हमारे लिये अत्यंत आशाजनक हैं। सिकलसेल एक अनुवांशिक बीमारी है इसके उपचार के लिये सामाजिक संस्थाओं, मीडिया, गैर सरकारी स्वैच्छिक संगठनों को आगे आना होगा एवं जनजागरूकता अभियान के रूप में आगे बढ़ाया जाना होगा।
आमला विधायक डॉ.योगेश पंडाग्रे ने कहा कि सिकलसेल एनीमिया गंभीर आनुवांशिक बीमारी है, जिसको चिकित्सक एवं दवाईयों के द्वारा खत्म नहीं किया जा सकता है। बैतूल जिला सिकलसेल प्रभावित जिला है जिसमें कुछ प्रजातियां इस बीमारी से अधिक पीड़ित हैं। शुरू के वर्षों में बच्चों में पता नहीं चलता, उम्र बढ़ने के साथ-साथ हीमोग्लोबिन की कमी, पीलिया का बार-बार होना एवं जोड़ों का दर्द रहना इस बीमारी के प्रमुख लक्षण हैं, ये लक्षण होने पर तत्काल सिकलसेल स्क्रीनिंग करवाकर उपचार प्रारंभ करवायें। सिकलसेल टीकाकरण एक प्रभावी उपाय है। इसकी रोकथाम के लिये सिकलसेल वैक्सीन अभियान चलाया जा रहा है। माननीय राष्ट्रपति महोदया, माननीय राज्यपाल महोदय द्वारा पूरे देश में आदिवासी क्षेत्रों में इस अभियान को चलाया जा रहा है। सिकलसेल बीमारी से पीड़ित व्यक्ति को विवाह में सावधानी बरतनी होगी नही ंतो एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी में यह बीमारी हो सकती है। इसके लिये जेनेटिक टेस्ट करवाना चाहिये, समाज को इसके लिये जागरूक करने की आवश्यकता है।
नगर पालिका अध्यक्ष बैतूल श्रीमती पार्वती बारस्कर द्वारा ने कहा कि इस बीमारी को छुपायें नहीं जांच एवं इलाज ही उन्मूलन की दिशा में सार्थक प्रयास है। जनजागरूकता द्वारा आमजन को सचेत करना होगा। श्री सुधाकर पवार ने कहा कि सिकलसेल की बीमारी का शासकीय चिकित्सालयों में निःशुल्क उपचार उपलब्ध है। एयर एम्बुलेंस की सुविधा द्वारा त्वरित एवं तत्काल इलाज शासन द्वारा निःशुल्क उपलब्ध कराया जा रहा है, जो निःसंदेह ही सराहनीय है। विधायक प्रतिनिधि डॉ अशोक बारंगा ने कहा कि यह बीमारी ठीक नहीं हो सकती लेकिन खान-पान में ध्यान रख नियमित रक्ताधान एवं उपचार के माध्यम से बेहतर जीवन जिया जा सकता है। सिकलसेल टीकाकरण के प्रति आमजन को जागरूक करने की आवश्यकता है।
सिकलसेल एक अनुवांशिक बीमारी
सीएमएचओ डॉ.राजेश परिहार ने बताया कि यह अनुवांशिक बीमारी है जो पीढ़ी दर पीढ़ी कई वर्षो से लगातार चली आ रही है , इस बीमारी को जड़ से खत्म करने के लिए समाज के विभिन्न संगठनों एवं स्वास्थ विभाग को साथ-साथ मिलकर सिकलसेल के प्रति लोगों में जागरूकता हेतु कार्य करना होगा, यह बीमारी माता-पिता से बच्चों में आती है इसलिये विवाह के समय सिकलसेल की जांच करवाना आवश्यक है। सिविल सर्जन डॉ जगदीश घोरे ने बताया कि सिकलसेल रोगी में खून की कमी हो जाती है बच्चों में तिल्ली कमजोर हो जाती है वह काम नहीं कर पाता है। सिकलसेल वैक्सीन 0 से 20 वर्ष तक के बच्चों को लगाई जाती है। यह वैक्सीन सिकल रोगी को ही लगायी जाना है। जिले में जो रोगी खोजे गये हैं उनका उपचार जारी है। पालक हमेशा सचेत रहें और टीकाकरण के लिये प्रेरित करें। कार्यक्रम में आरएमओ डॉ रानू वर्मा, नोडल अधिकारी सिकलसेल डॉ अंकिता सीते सहित स्वास्थ्य विभाग के अन्य चिकित्सक अधिकारी एवं कर्मचारी मौजूद रहे।

