आदि गुरु शंकराचार्य ने अद्वैत वेदांत दर्शन की स्थापना कर उन्नति का मार्ग किया प्रशस्त : केंद्रीय मंत्री श्री दुर्गादास उइके

बैतूल। आदि गुरु शंकराचार्य जन्मोत्सव पखवाड़े पर मंगलवार को व्याख्यान माला का शुभारंभ बैतूल के भारत-भारती परिसर में अतिथियों द्वारा आदि गुरु शंकराचार्य के चित्र पर माल्यार्पण एवं दीप प्रज्वलन के साथ प्रारंभ किया गया। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि केंद्रीय राज्य मंत्री जनजातीय मामले भारत सरकार दुर्गादास उइके, मप्र जन अभियान परिषद उपाध्यक्ष मोहन नागर, शासी निकाय सदस्य  म.प्र. जन अभियान परिषद बुधपाल पाल ठाकुर, अनिल अग्रवाल कार्यक्रम में उपस्थित थे। कार्यक्रम की अवधारणा जिला समन्वयक श्रीमती प्रिया चौधरी ने रखी। उपस्थित अतिथियों का अंग वस्त्र एवं पुष्प भेंटकर स्वागत किया गया।

       मुख्य अतिथि केंद्रीय राज्य मंत्री जनजातीय मामले भारत सरकार श्री दुर्गादास उइके ने अपने उद्बोधन में कहा कि आचार्य शंकराचार्य ने सभी वेदों के भाष्य लिखकर उनका सरलीकरण कर समाज को एक सूत्र में बांधने का कार्य किया। अद्वैतवाद के सिद्धांत के बारे में भी विस्तार से प्रकाश डालते हुए कहा कि आदि गुरु शंकराचार्य जी ने उपनिषदों और ब्रह्मसूत्र की व्याख्या करते हुए अद्वैत वेदांत दर्शन की स्थापना की। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि एवं वक्ता प्रदेश उपाध्यक्ष राज्य मंत्री दर्जा  जन अभियान परिषद श्री मोहन नागर ने कहा कि आदि गुरु शंकराचार्य जी ने राष्ट्र को एकाकार करके एकात्म दर्शन को बतलाया है। साथ ही संगठित भारत को एक नई पहचान दी। शासी निकाय सदस्य म.प्र. जन अभियान परिषद श्री बुधपाल सिंह ठाकुर ने भारत में आदि गुरु शंकराचार्य जी के योगदान पर प्रकाश डाला। जिला समन्वयक श्रीमति प्रिया चौधरी ने जल गंगा संवर्धन अभियान की शपथ दिलाई। कार्यक्रम का संचालन विकासखण्ड समन्वयक घोड़ाडोंगरी सन्तोष राजपूत एवं आभार विकासखण्ड समन्वयक पट्टन श्रीमती राधा बरोदे ने व्यक्त किया। इस अवसर पर संभाग समन्वयक नर्मदापुरम कौशलेश तिवारी, समस्त विकासखंड समन्वयक ,सामाजिक कार्यकर्ता, नवांकुर संस्था प्रतिनिधि, स्वैच्छिक संगठनों के प्रतिनिधि, समस्त परामर्शदाता सहित 130 प्रतिनिधि उपस्थित थे।

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