बैतूल। कलेक्टर नरेन्द्र कुमार सूर्यवंशी के निर्देशानुसार जिले में जल गंगा संवर्धन अभियान के तहत विभिन्न गतिविधियां आयोजित की जा रही है। अभियान के तहत ब्लॉक के समस्त संचालित माध्यमिक तथा हाई स्कूल, हायर सेकेंडरी स्कूलों में अध्यनरत विद्यार्थियों के द्वारा गतिविधियों का आयोजन अपने-अपने विद्यालयों में किया गया। इन गतिविधियों में विद्यार्थियों के द्वारा निबंध लेखन, पोस्टर, रंगोली प्रतियोगिता एवं संवाद का आयोजन किया गया।
विद्यार्थियों ने संगोष्ठी आयोजित कर जल संरक्षण और संवर्धन के उपाय के बारे में विस्तृत चर्चा की। शिक्षकों के द्वारा विद्यार्थियों को वृक्ष और जल संवर्धन का महत्व बताया गया। वहीं जल संरक्षण के क्षेत्र में कार्य करने वाले विद्यालयों ने आसपास के महत्वपूर्ण एवं विशिष्ट व्यक्तियों का परिचय कराया गया। इसके अलावा वृक्ष और जल संवर्धन के मध्य संबंध कैसे बनाए रखे जाएं इसके बारे में भी शिक्षकों ने विद्यार्थियों के साथ संवाद किया। जल जागरुकता कार्यक्रम के अंतर्गत विद्यार्थियों को जल का महत्व एवं इससे होने वाली भविष्य में परेशानियों के बारे में भी जानकारी दी गई ।
जल संकट को रोकने के उपाय और इन पर समय-समय पर की जाने वाली चर्चा के बारे में बताया गया, सभी विद्यालयों में शुद्ध एवं ठंडे पीने के पानी की व्यवस्था बनाई गई। जल भंडारण के लिए टंकियां की साफ सफाई विद्यालयों के विद्यार्थियों के द्वारा की गई तथा ठंडे पानी की व्यवस्था के लिए शुद्ध तथा ठंडा पानी विद्यालयों में आरो तथा मटके के माध्यम से उपलब्ध कराया गया ।
यह संपूर्ण कार्य अनुविभागीय अधिकारी राजस्व शैलेंद्र बडोनिया के मार्गदर्शन में ब्लॉक के सभी विद्यालयों में 2 अप्रैल से 29 जून तक विधिवत रूप से आयोजित किया जाएगा। विकासखंड शिक्षा अधिकारी एलएन प्रजापति ने बताया कि कलेक्टर श्री सूर्यवंशी के द्वारा समय-समय पर मीटिंग आयोजित कर एवं वीसी के माध्यम से दिए गए निर्देशों के परिपालन में जल संवर्धन के संबंध में सभी गतिविधियों से शिक्षकों के द्वारा बच्चों को जानकारी दी गई और पानी के संरक्षण के लिए गर्मियों के मौसम में अपने-अपने क्षेत्र में सतत प्रयास बच्चों के द्वारा किए जाने के लिए निर्देशित किया गया। बीआरसी मनीष धोटे ने बताया कि समस्त प्राथमिक तथा माध्यमिक शालाओं में ठंडे पानी की व्यवस्था 1 अप्रैल से 29 अप्रैल तक निरंतर रूप से शिक्षकों के द्वारा बच्चों के लिए की गई और जल संरक्षण के बारे में सभी बालक बालिकाओं को शिक्षकों के द्वारा जानकारी दी गई।

