कृषक कृषि अवसंरचना निधि योजना का लाभ उठाएं: कलेक्टर नीरज कुमार सिंह

कृषि अवसंरचना निधि योजना तथा एमपी फार्म गेट एप का एक दिवसीय कार्यशाला संपन्न

नर्मदापुरम। भारत सरकार की योजना कृषि अवसंरचना निधि (एआइएफ) की विशेषताओं तथा एमपी फार्म गेट एप का प्रचार-प्रसार करने कृषकों, व्यापारियों,उद्यमियों,विभिन्न संस्थाओं के प्रतिनिधियों को इन योजनाओं की मुख्य विशेषताएँ जैसे फसलोपरांत प्रबंधन एवं सामुदायिक खेती संबंधित परियोजना की जानकारी देने के उद्देश्य से कृषि विस्तार एवं प्रशिक्षण केंद्र, पवारखेड़ा नर्मदापुरम में कार्यशाला का आयोजन किया गया। 

      नर्मदापुरम कलेक्टर नीरज कुमार सिंह के मुख्य आतिथ्य में कार्यशाला का शुभारम्भ किया गया। इस अवसर पर जिला पंचायत सीईओ सौजान सिंह रावत  उप संचालक कृषि जे.आर हड़ाऊ कार्यशाला में उपस्थित रहे। कार्यशाला के प्रारंभ में मंडी बोर्ड के अपर संचालक चंद्रशेखर वशिष्ठ द्वारा उपस्थित समस्त अतिथियों का स्वागत किया गया।

      कृषि अवसंरचना निधि योजना की प्रशंसा करते हुए इस महत्वपूर्ण अवसर का लाभ उठाने के लिए कलेक्टर श्री सिंह द्वारा मार्गदर्शन दिया। अपने उदबोधन में कलेक्टर श्री सिंह द्वारा एआईएफ योजना तथा एमपी फार्म गेट ऐप की उपयोगिता बताई गई, जिसमें कृषकों को उनकी कृषि उपज का अधिकतम मूल्य एवं उनके रखरखाव के संबंध में जानकारी दी गई तथा उपस्थित प्रतिभागियों से व्यक्तिगत रूप से चर्चा की, साथ ही इन योजनाओं का अधिक से अधिक लाभ उठाने हेतु आव्हान किया गया। इस कार्यशाला में महिला प्रतिभागियों द्वारा भी बड़ी संख्या में हिस्सा लिया गया।

      देश में कृषि अधोसंरचना सुधार के क्रम में वित्तीय सहायता देने के उद्देश्य से कृषि अवसंरचना निधि (AIF) योजना का संचालन किया जा रहा है। जिसमें एक लाख करोड़ रुपये का भारत सरकार द्वारा कोष सृजित किया गया है। योजना में बैंकों से ऋण लेने पर दो करोड़ की राशि स्वीकृत होने पर तीन प्रतिशत प्रतिवर्ष की ब्याज की छूट हितग्राही को उपलब्ध कराई जा रही है। 

      कार्यशाला के द्वितीय चरण में अपने घर खलियान से अपनी कृषि उपज अपने दाम पर विक्रय करने की सुविधा, कृषि विक्रय में होने वाले खर्चों में कटौती, मंडी में होने वाली भीड़ से बचत आदि सुविधाओं के संबंध में एमपी फार्म गेट ऐप से संबंधित उपयोगिता किस तरह से उक्त ऐप को एंड्राइड मोबाइल पर गूगल प्ले स्टोर पर जाकर डाउनलोड किया जा सकता है तथा उक्त ऐप को किस तरह से इस्तेमाल किया जा सकता है‚ विषय पर विस्तार से प्रस्तुतीकरण अपर संचालक मंडी बोर्ड श्री चंद्रशेखर वशिष्ठ द्वारा किया गया। कार्यशाला में बड़े स्तर पर नर्मदापुरम जिले की 07 मंडियों से आए हुए व्यापारियों तथा कृषकों द्वारा अपनी जिज्ञासा अनुरूप प्रश्न पूछे गए जिसका समाधान कारक उत्तर उपस्थित विशेषज्ञों द्वारा दिया गया।

      कार्यशाला में पावर पॉइंट प्रेजेंटेशन के माध्यम से एआईएफ पर खुलकर उपयोगी चर्चा हुई जिसमें अवगत कराया गया कि उक्त योजना के तहत वेयरहाउस , कोल्ड स्टोरेज, राइपिंग चेंबर, प्राइमरी प्रोसेसिंग यूनिट, दाल मिल, फ्लोर मिल, आटा मिल, कस्टम हायरिंग सेंटर, मसाला उद्योग, बांस प्रोसेसिंग उद्योग इत्यादि में योजना का लाभ ले सकते हैं। एआईएफ पोर्टल का तकनीकी प्रशिक्षण भी वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा दिया गया।

      कार्यशाला में हितग्राहियों को हर संभव सहायता मुहैया कराना और इससे लाभान्वित होने का आह्वान किया। एआईएफ योजना में अभी तक नर्मदापुरम जिले में 516 आवेदनों में 436.38 करोड़ रुपये तथा प्रदेश में 7061 आवेदनों में 5717.72 करोड़ रुपये की राशि बैंको द्वारा स्वीकृत की जा चुकी है जिससे म.प्र. देश में प्रथम स्थान पर हैं।

      कार्यशाला में मंडी बोर्ड के अपर संचालक चंद्रशेखर वशिष्ठ, उपसंचालक,  डॉ. पूजा सिंह, चीफ प्रोग्रामर संदीप चौबे, सहायक संचालक एआईएफ गोविंद शर्मा,  मंडी सचिव नर्मदापुरम एस.के भालेकर, सहायक उपनिरीक्षक आदित्यराज सिंह तथा बड़ी संख्या में कृषि विभाग, उद्यानिकी, नाबार्ड‚ बैंक व मंडी समितियों के सचिव एवं कर्मचारी, मीडिया के साथी सहित किसान एवं व्यापारी प्रतिनिधि कार्यशाला में सम्मिलित हुए।कार्यक्रम के अंत में कृषि उपज मंडी समिति नर्मदापुरम के सचिव एस.के भालेकर द्वारा उपस्थित समस्त अतिथियों, अधिकारियों, किसान एवं व्यापारी प्रतिनिधियों‚ पत्रकार साथियों का आभार व्यक्त करते हुए धन्यवाद ज्ञापित किया गया।

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