बारिश के दौरान उल्टी दस्त एवं गंभीर बीमारी के मरीज का तत्काल उपचार करें—कलेक्टर
नर्मदापुरम। सभी बीएमओ , स्वास्थ्य कर्मचारी फील्ड में निरंतर सक्रिय रहे । बारिश के दौरान उल्टी दस्त , बुखार एवं गंभीर बीमारी के बहुत सारे प्रकरण आते हैं ऐसे प्रकरणों में सभी मरीज का प्राथमिकता से उपचार किया जाए। ग्राम आरोग्य केंद्र में 156 प्रकार की दवाइयां हमेशा उपलब्ध रहे, सभी बीएमओ यह सुनिश्चित करें कि बाढ़ के दौरान कोई कैजुअल्टी ना हो। दवाइयां की पर्याप्त उपलब्धता रहे, कोई भी डिजास्टर एवं इमरजेंसी आए तो हमेशा अलर्ट रहे । सभी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र एवं उप स्वास्थ्य केंद्र सक्रिय रहे । गंभीर मरीज को एंबुलेंस सुविधा अनिवार्य रूप से मिले। सभी स्वास्थ्य कर्मचारी अपनी पद स्थापना वाले स्थान पर ही निवास करें। उक्त निर्देश कलेक्टर सोनिया मीना ने स्वास्थ्य विभाग की समीक्षा बैठक के दौरान दिए।
कलेक्टर सोनिया मीना ने गुरुवार को स्वास्थ्य विभाग की समीक्षा बैठक ली, उन्होंने बैठक में पल्स पोलियो अभियान, एक्वास कार्यक्रम, टीकाकरण अभियान, सिकल सेल एनीमिया के संबंध में स्वास्थ्य विभाग द्वारा किए जा रहे कार्यों की समीक्षा की।
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉक्टर दिनेश देहलवार ने बताया कि पल्स पोलियो अभियान 25 जून को समाप्त हुआ है । अब तक जीरो से 5 वर्ष के लगभग सभी बच्चों को पोलियो की दवा पिलाई जा चुकी है।
कलेक्टर ने दस्तक अभियान में सभी बीएमओ को सक्रिय होकर कार्य करने के निर्देश दिए और कहां की कोई भी बच्चा टीकाकरण से वंचित न रहे । आम लोगों के मन में वैक्सीनेशन के प्रति जागरूकता का भाव लाया जाए । बच्चों को टीकाकरण के लिए स्वास्थ्य केंद्र में लाया जाए । आशा कार्यकर्ता एवं उनकी टीम पूर्ण प्राथमिकता से कार्य करें । सभी बच्चों की पोर्टल में एंट्री भी प्राथमिकता से हो जाए । उन्होंने सभी बीएमओ को माह में एक बार आशा कार्यकर्ताओं एवं स्वास्थ्य कर्मचारियों के कार्यों की समीक्षा करने के निर्देश दिए ।
कलेक्टर ने शिशु मृत्यु दर , टीबी मरीजों की अदयतन स्थिति की जानकारी ली , वही मलेरिया से बचाव के लिए सभी बीएमओ को मलेरिया रोधी मच्छरदानी वितरित करने के निर्देश दिए ।
कलेक्टर ने ब्लीचिंग पाउडर, क्लोरीन टैबलेट की पर्याप्त उपलब्धता रखने के निर्देश दिए। कलेक्टर ने एक्वास कार्यक्रम की भी समीक्षा की । उन्होंने सीएम हेल्पलाइन में स्वास्थ्य विभाग को और भी बेहतर ढंग से शिकायतों का निराकरण करने के निर्देश दिए । कलेक्टर ने सिकल सेल एनीमिया के लिए की जगह की जा रही जांचों की भी समीक्षा की। बताया गया कि प्रति बीएमओ को माह में 200 से 250 सिकल सेल एनीमिया के मरीजों की जांच करने का लक्ष्य दिया गया है । कलेक्टर ने कहा कि न केवल केसला अपितु पूरे जिले में सिकल सेल एनीमिया के मरीजों की जांच प्राथमिकता से की जाए। बैठक में डिप्टी कलेक्टर डॉ. बबीता राठौर , मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉक्टर दिनेश देहलवार सहित जिले के सभी बीएमओ उपस्थित रहे।