माँ नर्मदा जीवित इकाई है, इस बेरहमी से रेत उत्खनन इसके प्रबंधन को खत्म करेगा

आंखे खोलना होगी…

नर्मदापुरम। मध्य प्रदेश के लिए महत्वपूर्ण नर्मदा जो जीवन दायनी कहलाती है,कृषि की आवश्यकता पूर्ण कर रही है,नागरिक गणों की प्यास बुझा रही है,घरों को रोशन करने,उद्योग चलाने विद्युत उत्पादन में अपना योगदान नर्मदा देती ही है।निर्माण कार्य हेतु रेत भी उपलब्ध यहीं से हो रही है,परंतु जिस अवैज्ञानिक और अवैधानिक तरीके से तटों से, नर्मदा के अंदर से रेत का उत्खनन हो रहा है,उस पर ध्यान नहीं दिया जा रहा जिम्मेदार अधिकारी चाहे कलेक्टर हो,एसपी हो ,माइनिंग अधिकारी हो सब आंख मूंद कर बैठे हैं। 

सरकार के बनाये नियमों के पालन की जिम्मेदारी जिले के अधिकारियों की होती है और जब अधिकारी नियमों का पालन नहीं करते हैं तो अराजक तत्वों के हौंसले बुलंद होते हैं,वो बेधड़क होकर अवैध कार्य करते हैं, बड़ी पोकलेन मशीनों से उत्खनन, बीच नर्मदा तक आकर ट्रेक्टर मशीनों से ,पनडुब्बी से चल रहा खनन अति संवेदनशील विषय है। यह नर्मदा की पर्यावरण तंत्र को नष्ट करेगा,करोड़ो लोगो के साथ,सैकड़ो प्रकार की जैव विविधता को नष्ट करने का कुत्सित प्रयास इन रेतासुरों की करतूत के कारण होगा। इसे संवेदनशील विषय मानकर कार्य करने की आवश्यकता है।

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