बैतूल। लोकमाता देवी अहिल्याबाई होल्कर की 300वीं जयंती के अवसर पर भोपाल के जंबूरी मैदान में आयोजित महिला सशक्तिकरण महासम्मेलन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चुनिंदा प्रेरणास्रोत महिलाओं से आत्मीय संवाद किया। प्रदेश भर से आमंत्रित 30 सशक्त महिलाओं में बैतूल जिले की “सिकल सेल एनीमिया” से जूझ रही श्रीमती बरखा पंडाग्रे को प्रधानमंत्री जी से मिलने और अपनी जीवनगाथा साझा करने का विशिष्ट अवसर मिला। प्रधानमंत्री मोदी जी ने जब सादगी से पूछा, “इलाज कहाँ से करवाती हो?” तो बरखा ने आत्मविश्वास से जवाब दिया – “मुझे और मेरी 8 वर्षीय बेटी अवनी को जिला चिकित्सालय बैतूल से नियमित रूप से निशुल्क ब्लड, हाइड्रॉक्सीयूरिया व फॉलिक एसिड मिलते हैं। मेरी बेटी को दिव्यांगता प्रमाण पत्र भी मिल गया है, जिससे 600 रूपए की मासिक पेंशन मिल रही है। हम सरकार की मदद से स्वस्थ जीवन की ओर बढ़ रहे हैं। प्रधानमंत्री श्री मोदी ने बरखा की हिम्मत की सराहना की और आशीर्वाद भी दिया। इस गरिमामयी आयोजन में राज्यपाल श्री मंगुभाई पटेल जी, मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव तथा प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री राजेन्द्र शुक्ल की भी उपस्थिति रही। बरखा की यह उपलब्धि न केवल बैतूल, बल्कि पूरे मध्यप्रदेश के लिए गौरव का विषय है। प्रदेश भर की केवल दो सिकल सेल महिला योद्धाओं को यह सम्मान मिला और उनमें से एक बनकर बरखा ने यह सिद्ध कर दिया कि अगर समर्थन और मंच मिले तो हर महिला अपनी पीड़ा को प्रेरणा में बदल सकती है। इस सम्मेलन में डॉ. अंकिता, जिला रक्तकोष अधिकारी एवं सिकल सेल कार्यक्रम की नोडल अधिकारी भी विशेष रूप से उपस्थित रहीं। उन्होंने न केवल बरखा को इस मंच तक पहुंचाया, बल्कि पूरे समय उनका मार्गदर्शन व साथ भी निभाया। उनकी भूमिका इस गौरवपूर्ण क्षण के पीछे की अदृश्य लेकिन मजबूत ताकत रही। बरखा और डॉ. अंकिता दोनों ने मिलकर बैतूल को प्रदेश के पटल पर गौरवान्वित किया। बरखा जैसी बेटियाँ, भारत के भविष्य की, हौसले और उम्मीद की सच्ची तस्वीर हैं।
