विश्व आर्द्रभूमि दिवस 2024 पर जागरूकता कार्यक्रमों का आयोजन

प्राकृतिक स्थल का भ्रमण एवं पुरस्कार वितरण

नर्मदापुरम।   शासकीय गृहविज्ञान स्नातकोत्तर कन्या महाविद्यालय नर्मदापुरम में आज पर्यावरण शिक्षण कार्यक्रम 2023-24 (ईईपी), मिशन लाइफ एवं राष्ट्रीय हरितकोर योजना, के अंतर्गत विश्व आर्द्रभूमी दिवस 2024 पर ईको क्लब द्वारा जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया।  

      इस अवसर पर महाविद्यालय में जनमानस को पर्यावरण के प्रति सचेत करने के लिए जागरूकता रैली चित्रकला, रंगोली प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। जिसमें 40 छात्राओं ने भाग लिया। विजेता छात्राओं को प्रमाण पत्र वितरित किए गए। छात्राओं को आर्द्रभूमि जैसे प्राकृतिक स्थल का भ्रमण कराया गया और इन स्थलों के महत्व को समझाया गया। यहां छात्राओं द्वारा चित्रकारी भी की गई।

      इस अवसर पर महाविद्यालय की प्राचार्य डॉ श्रीमती कामिनी जैन ने छात्राओं को बताया कि जीवन की उत्पत्ति ही जल में हुई है, जल के बगैर जीवन संभव नहीं है  और आर्द्रभूमि ऐसे प्राकृतिक एवं मानव निर्मित स्थान होते है जिनमें बर्ष भर आर्द्रता, नमी एवं पानी भरा रहता है। वेटलेण्ड ऐसे पारिस्थितिकी तंत्र होते है जो जैवविविधता के संरक्षण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते है। इनमें विभिन्न जीव और वनस्पतियॉं निवास करती है। इनके कारण भूमि का जल का स्तर भी बना रहता है। आर्द्रभूमियों में बडते प्रदूषण, जनसंख्या का दबाव, शहरीकरण के लिए जल क्षेत्रांे से छेडखानी, और कृषि रसायनों, औद्योगिक क्षेत्र के जहरीले पानी का मिलना आर्द्रभूमियों के विनाश का कारण है। भारत में इन आर्द्रभूमियों के संरक्षण के लिए पर्यावरण मंत्रालय द्वारा महाविद्यालया के ईको क्लब  के द्वारा यह कार्यक्रम चलाये जा रहे है। वर्तमान में भारत में वर्तमान में 80 एवं मध्यप्रदेश में भोज वेटलेण्ड भोपाल, शिरपुर लेक एवं यशवंत सागर इंदौर, सांख्यसागर शिवपुरी कुल 04 रामसर स्थल चिन्हित किये गए हैं जिन्हे संरक्षण दिया जा रहा है।

      कार्यक्रम में डॉ. प्रगति जोशी डॉ. संगीता पारे, डॉ. एकता गुप्ता, डॉ मनीष चौधरी, डॉ आशीष सोहगोरा, प्रीति मालवीय, विमला कदम, डॉ धीरज खातरकर,  अजय तिवारी एव बडी संख्या में छात्राएं उपस्थित रहीं।

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