आठनेर की सरिता कोसे बनीं आत्मनिर्भरता की मिसाल, पीएमएफएमई योजना से मिला नया जीवन

बैतूल। हालांकि मशीन की पुरानी स्थिति के चलते उन्हें तकनीकी दिक्कतों और समय की बर्बादी जैसी कई समस्याओं का सामना प्रदेश सरकार लोकमाता अहिल्याबाई की 300वीं जयंती मनाने जा रही है। शासन के प्रयासों से प्रदेश की महिलाएं सशक्त हो रही है और आत्मनिर्भर भारत के संकल्प को पूरा करने में अपनी सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित कर रही है।आठनेर की एक सामान्य महिला श्रीमती सरिता कोसे भी आज ग्रामीण क्षेत्र में महिला सशक्तिकरण की मिसाल बन चुकी हैं। पहले वे पारंपरिक खेती-किसानी का कार्य करती थीं, लेकिन आत्मनिर्भर बनने के संकल्प के साथ उन्होंने स्वरोजगार की राह अपनाई। सरिता ने अपने घर पर एक पुरानी सेकंड हैंड आटा चक्की मशीन खरीदकर छोटा सा व्यवसाय शुरू किया। हालांकि मशीन की पुरानी स्थिति के चलते उन्हें तकनीकी दिक्कतों और समय की बर्बादी जैसी कई समस्याओं का सामना करना पड़ा, लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी। इसी बीच उन्हें केंद्र सरकार की पीएमएफएमई योजना की जानकारी। योजना के तहत उन्हें 1 लाख 65 हजार रुपये का लोन स्वीकृत हुआ, जिससे उन्होंने एक नई आटा चक्की मशीन खरीदी। नई मशीन से उनका व्यवसाय न केवल आसान हुआ बल्कि अब पहले से कहीं बेहतर चल रहा है। मशीन में कोई परेशानी नहीं आ रही और सरिता को नियमित रूप से अच्छी आमदनी भी हो रही है। उन्होंने अपने साथ दो अन्य लोगों को भी रोजगार दिया है। श्रीमती सरिता कोसे ने इस योजना के सफल क्रियान्वयन के लिए प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी एवं मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव का आभार व्यक्त किया है।

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