बैतूल। मध्यप्रदेश प्रशासनिक इकाई पुनर्गठन आयोग के सदस्य द्वय पूर्व आईएएस श्री एसएन मिश्रा, श्री मुकेश शुक्ला और सचिव श्री अक्षय कुमार सिंह ने शुक्रवार को कलेक्ट्रेट सभाकक्ष में आयोजित बैठक में आयोग द्वारा प्रदेश की भौगोलिक परिस्थितियों एवं जन अपेक्षाओं के आधार पर और अधिक जनोन्मुखी एवं सुलभ प्रशासन उपलब्ध कराने के उद्देश्य से तहसील, उपखण्ड प्रशासनिक इकाइयों के पुनर्गठन संबंधी मार्गदर्शी सिद्धांतों से अवगत कराया। साथ ही आयोग के उद्देश्य एवं कार्यप्रणाली से संबंधित जानकारी पीपीटी के माध्यम से दी।
इस बैठक में कलेक्टर श्री नरेन्द्र कुमार सूर्यवंशी, पुलिस अधीक्षक श्री निश्चल झारिया, सीईओ जिला पंचायत श्री अक्षत जैन, समस्त एसडीएम, नगरीय निकायों के सीएमओ, जनपदों के सीईओ सहित समस्त जिला अधिकारी मौजूद थे।
बैठक में सदस्य श्री मिश्रा ने बताया कि जनसामान्य की सुविधाओं को ध्यान में रखते हुए जिला, तहसील एवं विकासखंड की सीमाओं में परिवर्तन का खांका तैयार होगा। भौगोलिक स्थिति, प्रशासनिक सुविधा, बुनियादी सुविधाएं, आर्थिक कारक, जनसांख्यिकी कारक, सुरक्षा एवं सांस्कृतिक स्थिति को ध्यान में रखते हुए जनता को आसानी से प्रशासनिक सेवाएं देने के लिए वर्तमान जिला, तहसील और जनपद, विकासखंडों पर सुझाव लिए जाएंगे। सुझावों में कोर्ट ऑफ लॉ का ध्यान रखें। उपलब्ध संसाधनों का उचित उपयोग कर गुड गवर्नेंस उपलब्ध कराएं। उन्होने निर्देश दिये कि पुनर्गठन की प्रक्रिया में नागरिकों की सहुलियत और सुविधाओं का विशेष ध्यान रख कर जनप्रतिनिधियों ,गणमान्य नागरिकों से फीडबैक लेकर आपस में समन्वय स्थापित कर प्रस्ताव तैयार किए जाये।
बैठक में सचिव श्री सिंह ने निर्देश दिये कि प्रश्नावली तैयार करने में विशेष सतर्कता बरती जाएं। ग्राम स्तर पंचायत स्तर, राजस्व निरीक्षक मंडल स्तर, तहसील स्तर पर अनुविभागीय अधिकारी की अध्यक्षता में बैठक करें। इसमें किसी भी प्रशासनिक इकाई का कोई युक्ति युक्तिकरण, विलोपन, नवीन सृजन किया जाना है, तो उसका उचित प्रस्ताव तैयार कर प्रश्नावली को अद्यतन कर पृथक से शामिल कर जिला कलेक्टर को भिजवायें। जिले की समस्त तहसीलों एवं अनुविभागों की बैठक के उपरांत कलेक्टर अपने स्तर पर अधीनस्थों से प्राप्त प्रस्ताव पर युक्ति युक्तिकरण पर वृहद चर्चा कर उस प्रस्ताव को अंतिम रूप से तैयार कर एवं प्रश्नावली को अद्यतन कर आयोग को भेजेंगे। जिला स्तर पर सभी विभागों के जिलाधिकारी से भी चर्चा की जाए ताकि उनके विभागों की कार्य प्रणाली का भी मत आ सके। कलेक्टर समीक्षा उपरांत जिले का एक अंतिम प्रस्ताव बनाकर प्रश्नावली को अद्यतन करेंगे। आयोग के सदस्य श्री शुक्ला ने कहा कि शासन की मंशा है कि जनोन्मुखी प्रशासन हो, सुलभ हो, शासन द्वारा जिलों में क्रियान्वित योजनाओं का लाभ आम नागरिकों तक सुगमता से पहुंचे। नागरिकों को समय पर सुविधाओं व योजनाओं का लाभ मिले यह हम सबका नैतिक दायित्व है। उन्होंने कहा कि तहसील या उपखण्ड बनाने से पहले उनकी भौगोलिक स्थिति, जनसंख्या घनत्व, बुनियादी सुविधाएं और प्रशासनिक जरूरत इत्यादि प्रश्नावली में उल्लेखीय बिंदुओं को प्राथमिकता दी जाए। इस कार्य में समन्वय लिए जिला स्तर पर एक नोडल अधिकारी भी नियुक्त किया जायें। उन्होंने कहा कि पुनर्गठन प्रक्रिया में जो भी प्रस्ताव भेजे जाएं वह आम नागरिकों की आवश्यकता के अनुरूप ही तैयार हों। कलेक्टर श्री सूर्यवंशी ने आश्वस्त किया कि सभी आवश्यक प्रस्ताव तैयार कर आयोग को प्रेषित किये जायेंगे और जिले के नागरिकों की सहूलियत और सुविधा का ध्यान रखा जायेगा।

