किसानों को नरवाई प्रबंधन से कृषि आमदानी बढ़ाने की दी जानकारी

ग्राम हिवरखेड़ में नरवाई प्रबंधन कार्यशाला का आयोजन, नरवाई प्रबंधन के लिए किया जागरूक

बैतूल। कलेक्टर नरेन्द्र कुमार सूर्यवंशी के निर्देश पर कृषि अभियांत्रिकी विभाग द्वारा जिले में लगातार किसानों को नरवाई प्रबंधन के लिए जागरूक किया जा रहा है। इसी अनुक्रम में गुरुवार को प्रभात पट्टन विकासखंड के ग्राम हिवरखेड़ में नरवाई प्रबंधन कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस दौरान स्ट्रा रीपर यंत्र का फील्ड प्रदर्शन एवं अनुदान की जानकारी कृषकों के समक्ष दी गई। वहीं किसानों को अपने खेतों में नरवाई न जलाने की शपथ दिलाई गई। सहायक कृषि यंत्री ने कार्यशाला के दौरान किसानों को गेहूं की फसल कम्बाइन हार्वेस्टर से कटाई उपरांत स्ट्रा रीपर से नरवाई को भूसा में परिवर्तित कर नरवाई प्रबंधन एवं कृषि आमदनी बढ़ाने के लिए जागरूक किया। उन्होंने बताया कि कृषक स्ट्रा रीपर से कार्य करके न केवल भूसा बना सकता है। बल्कि 2 हजार की इस भूसे की गाड़ी को किसान लगभग 4500 से 5 हजार रुपये ट्रॉली बाजार में बेच सकता है। उन्होंने बताया कि कृषक स्ट्रा रीपर यंत्र कंबाइन हार्वेस्टर कटाई उपरांत एक एकड़ से 15 किलो से 50 किलो तक बचा हुआ गेहूं एकत्रित हो जाता है। जिससे 375 से 1250 तक का अतिरिक्त लाभ प्रति एकड़ हो जाता है।

नरवाई जलाने से फसलों की पैदावार होती है प्रभावित

       सहायक कृषि यंत्री ने किसानों को नरवाई प्रबंधन तकनीक अपनाकर नरवाई जलाने से मुक्त ग्राम बनाने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने बताया कि जिले में नरवाई, पराली जलाना एक बड़ी समस्या है, इससे वातावरण में प्रदूषण फैलता है। वातावरण एवं मृदा स्वास्थ्य के लिए इसकी रोकथाम किया जाना अत्यन्त आवश्यक हो जाता है। नरवाई जलाने से वायु प्रदूषण तेजी से बढ़ता है। साथ ही मृदा का कार्बनिक पदार्थ कम होने के साथ- साथ नरवाई जलाने से मृदा के लाभकारी सूक्ष्म जीव भी नष्ट हो जाते हैं। फसल अवशेष जलाने से पर्यावरण को क्षति तो पहुंचती है, साथ ही इसके चलते खेत में केंचुए मर जाते हैं और लाभदायक जीवाणुओं की सक्रियता में भी कमी आती है, जिससे फसलों की पैदावार प्रभावित होती है।

नरवाई के समुचित प्रबंधन के लिए नई तकनीक का उपयोग करें किसान

       कार्यक्रम में विभाग द्वारा कृषकों को नरवाई न जलाने की शपथ दिलाई गई एवं कृषकों से अपील की गई कि नरवाई के समुचित प्रबंधन के लिए नवीन मशीन स्ट्रा रीपर, रीपर कम बाइंडर, हैप्पी सीडर/सुपर सीडर, रोटावेटर, मल्चर का उपयोग करें। कार्यशाला के दौरान संचनालय कृषि अभियांत्रिकी भोपाल द्वारा निजी कस्टम हायरिंग हितग्राही सुश्री सृष्टि देशमुख के केन्द्र का निरीक्षण किया गया।

       कार्यशाला में उप संचालक कृषि डॉ. आनंद बड़ोनिया, सहायक कृषि यंत्री बैतूल डॉ. प्रमोद मीना, अनुविभागीय कृषि अधिकारी मुलताई  सुरेन्द्र पराते, वरिष्ठ कृषि विकास अधिकारी जितेन्द्र विसन्द्रे एवं श्री रमेश गव्हाड़े जिला पंचायत सदस्य प्रतिनिधि, ग्राम सरपंच विश्वनाथ धोटे, उप सरपंच श्रीमती मीना गव्हाड़े, सुश्री सृष्टि देशमुख एवं कृषक चन्द्रशेखर माकोड़े,  सुभाष कुम्भारे  राजू बारस्कर,  मधु कुम्भारे, दिनेश गावंडे, ज्ञानेश्वर देशमुख, दीपक गव्हाड़े,  शाहदेव जी माकोड़े,  सरावन माथनकर, गुलाब उईके,  सालक उईके विभागीय कर्मचारी इन्द्रभान सिंह, तुषार राठौर, प्रवीण विश्वकर्मा एवं गणमान्य कृषक उपस्थित थे।

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