नक्सलवाद को लेकर अब सरकार की निर्णायक लड़ाई

बीजापुर । सूबे में सत्ता परिवर्तन होने के बाद से अब तक सरकार नक्सलवाद को लेकर काफी आक्रामक नजर आ रही है। बार-बार केंद्र व राज्य के गृह मंत्री यह बयान देते आ रहे हैं कि नक्सलवाद के साथ अब निर्णायक लड़ाई लड़ी जाएगी। इसके बाद से यह देखा जा रहा है कि लगातार अलग-अलग मुटभेड़ में सुरक्षा बल के जवानों को बड़ी सफलताएं हासिल हो रही है। अब तक कई मुठभेड़ हो चुकी है।

बीजापुर में बुधवार को हुए एक और मुठभेड़ में जिसमें जवानों ने 8 लाख की इनामी नक्सली मनीला समेत एक जेल ब्रेक के आरोपी नक्सली मंगलू कुड़ियम को मार गिराया गया था। यह मुठभेड़ सिर्फ मुठभेड़ नहीं बल्कि इसके साथ एक संयुक्त कहे या विधि का विधान परंतु बेहद ही दिलचस्प कहानी जुड़ी हुई है। विधानसभा चुनाव के ठीक पहले 17 अक्टूबर को इसी इलाके में और इसी जंगल में एक मुठभेड़ को सुरक्षा बल के जवानों ने अंजाम दिया था और उस मुठभेड़ में नक्सली नेता नागेश को मार गिराया गया था। उसके बाद बुधवार को फिर उसी जगह और इस जंगल में जवानों ने एक और ऑपरेशन को अंजाम दिया और इस ऑपरेशन में जिन दो नक्सलियों को मार गिराया गया उनमें से 8 लाख की इनामी महिला नक्सली मनीला पुनेम विधानसभा चुनाव से पहले मारे गए नक्सली कमांडर नागेश की पत्नी है। भले ही दोनों अलग-अलग मुठभेड़ में मारे गए हैं और दोनों के कब्र अलग-अलग गांव में बनाए गए होंगे। परंतु दोनों की मौत एक ही जंगल में और एक ही स्थान पर और एक ही समय पर हुई है। बुधवार कि सुबह बंदेपारा गांव के तक़रीबन एक किलोमीटर दूर जंगल मे पुलिस ने मनीला को मुठभेड़ में ढेर कर दिया। जहां घटना हुई वह खून से पत्ते लाल हो गए हलाकि बाद मे वह आग लगा दी गई।

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