एसएसजी से आर्थिक सशक्तिकरण की मिसाल बनीं पलक आजीविका समूह की महिलाएं

बैतूल।बैतूल मुख्यालय के ग्राम राठीपुर की पलक आजीविका स्व सहायता समूह की महिलाओं ने अपने संघर्ष और मेहनत से यह सिद्ध कर दिखाया है कि संगठित प्रयास और सरकारी योजनाओं का सही उपयोग कर ग्रामीण महिलाएं भी आत्मनिर्भर बन सकती हैं। पलक आजीविका स्व सहायता समूह की सचिव श्रीमती दुर्गा पवार ने बताया कि अपने समूह के माध्यम से डेयरी और कृषि व्यवसाय को अपनाकर एक मिसाल कायम की है।

       श्रीमती पवार ने बताया कि वर्ष 2017 में उन्होंने अपने समूह के माध्यम से डेयरी व्यवसाय और कृषि कार्य की शुरुआत की। प्रारंभ में उन्हें कृषि के आधुनिक तकनीकी तौर-तरीकों का प्रशिक्षण अधिकारियों द्वारा प्रदान किया गया। इसके बाद उन्होंने टमाटर, भिंडी, बरबटी, पालक, धनिया जैसी सब्जियों के साथ-साथ गन्ने की खेती शुरू की। उन्होंने बताया कि वे जैविक खेती के माध्यम से ही सब्जी उत्पादन कर रही है। इन प्रयासों से उन्हें आज लाखों की आमदनी हो रही है। श्रीमती दुर्गा पवार ने बताया कि उन्हें स्व सहायता समूह एसएसजी के माध्यम से 5 लाख का लोन प्राप्त हुआ, जिससे उन्होंने गाय और भैंस खरीदी और समूह की महिलाओं के साथ डेयरी व्यवसाय की नींव रखी। आज दुग्ध सहकारी समिति मर्यादित खेड़ला के साथ मिलकर कार्य कर रही हैं और इस डेयरी व्यवसाय से समूह को लगभग 3 लाख की वार्षिक आय हो रही है। इस समूह की महिलाएं हर माह 10 हजार तक की आमदनी प्राप्त कर रही हैं, जिससे उनकी आर्थिक स्थिति में अभूतपूर्व सुधार हुआ है।

सशक्त महिलाओं की टोली

 पलक आजीविका स्व सहायता समूह में अध्यक्ष अनीता पवार, सचिव दुर्गा पवार के साथ-साथ सदस्य उर्मिला पवार, नीलिमा, गीता, हेमलता, कमलती, पूजा, एकता, सुभद्रा, सविता, बाली, ज्योति, और सोनाली पवार शामिल हैं। सभी सदस्य आज आर्थिक रूप से सशक्त होकर आत्मनिर्भर बन चुकी हैं। इस उपलब्धि के लिए समूह महिलाओं ने प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी एवं मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के प्रति आभार व्यक्त किया है। महिलाओं का कहना है कि शासन द्वारा चलाई जा रही आजीविका मिशन योजना और स्वयं सहायता समूहों के माध्यम से उन्हें जीवन में नई दिशा मिली है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *