खेती के शुद्ध लाभ में वृद्धि के लिए संतुलित उर्वरक प्रबंधन आवश्यक

खेती में अच्छी उपज के लिए पोषक तत्वों की जानकारी जरूरी

नर्मदापुरम।  मृदा एवं फसल अनुसार सही समय पर सही विधि से सही मात्रा में डाला गया उर्वरक ही संतुलित उर्वरक है। कृषि भूमि की सेहत फसल की आवश्यकता और संतुलित उर्वरक प्रबंधन के बारे में पर्याप्त जानकारी नही होनेके चलते किसान भाई आमतौर पर नाइट्रोजन धारी उर्वरकों का अत्याधिक मात्रा में प्रयोग करते है जो न सिर्फ कृषि उपज की गुणवत्ता के लिए खतरनाक है बल्कि मिट्टी की उत्पादकता, संरचना, सेहत एवं उर्वरा शक्ति को हानि पहुचाते हैं। साथ ही इससे भूमिगत जल में नाईट्रोजन की मात्रा भी बढ़ जाती है इससे मानव स्वास्थ्य और पर्यावरणीय सतस्याए पैदा होती है। उप संचालक कृषि नर्मदापुरम ने उक्त जानकारी देते हुए किसान भाईयों को सलाह दी है कि वे फसल के विकास के लिए आवश्यक पोषक तत्वों के संतुलित उर्वरक का उपयोग करे और संतुलित उर्वरक प्रबंधन के जरिए इन समस्याओं से बचा जा सकता है। किसान भाई अपने खेत की मिट्टी की जाँच कराकर मृदा स्वास्थ्य कार्ड के आधार पर संतुलित उर्वरक प्रबंधन करें। इस संबंध में किसान भाई अपने नजदीकी किसान कल्याण तथा कृषि विभाग कार्यालय से संपर्क करें। जिले में तीन जगह पर मिट्टी परीक्षण की जाँच निशुल्क कराने की व्यवस्था है। इसके अनुसार किसान भाई अपने खेत की मिट्टी के नमूना की जौंच कराना चाहते है तो वे स्थानीय कृषि अधिकारी या नजदीकीकृषि विभाग के कार्यालय में जमा करा सकते हैं। इसके अलावा किसान भाई अपने खेत की मिट्टी का परीक्षण नि:शुल्क मिट्टी परीक्षण प्रयोगशाला पंवारखेड़ा, कृषि उपज मंडी परिसर नर्मदापुरम एवं कृषि विज्ञान केन्द्र पलिया पिपरिया बनखेड़ी में से जों निकटतम हो उस प्रयोगशाला में ले जाकर करा सकते हैं। इस संबंध में किसान भाई अधिक जानकारी के लिए कार्यालय से संपर्क कर सकते हैं।

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