नर्मदापुरम। मध्यप्रदेश राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन (MPDAYSRLM) द्वारा महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में किए जा रहे प्रयासों के सार्थक परिणाम अब ज़मीनी स्तर पर दिखाई दे रहे हैं। ग्राम माल्हनवाड़ा, तहसील बनखेड़ी, जिला नर्मदापुरम की श्रीमती ऋतू पटवा की यात्रा इसका जीता-जागता उदाहरण है।
पहले ऋतू पटवा और उनके समूह की अन्य सदस्य केवल 1000 से 1500 रुपये प्रतिमाह की मजदूरी पर निर्भर थीं। वर्ष 2018 में जब गाँव में आजीविका मिशन के तहत स्वयं सहायता समूह का गठन हुआ, तब ऋतू ने भी इससे जुड़कर अपने जीवन को एक नई दिशा देने का निर्णय लिया। उन्होंने समूह के माध्यम से सीआरपी (कम्युनिटी रिसोर्स पर्सन) का कार्य शुरू किया जिससे उनकी आय में वृद्धि हुई।
इसके बाद ऋतू पटवा ने लखपति दीदी बनने की दिशा में कदम बढ़ाते हुए सीएलएफ से 1,20,000 रुपये की सहायता प्राप्त कर गांव में मनिहारी दुकान शुरू की। इस पहल से न सिर्फ उनकी खुद की आय बढ़ी, बल्कि गाँव की महिलाओं को भी शहर से सामान लाने की परेशानी से मुक्ति मिली। उन्होंने गुणवत्ता और सेवा को प्राथमिकता दी, जिससे ग्राहकों का विश्वास हासिल कर अपने व्यवसाय को स्थायित्व प्रदान किया।
ऋतू पटवा को मध्यप्रदेश शासन की लाडली बहना योजना से भी लाभ प्राप्त हुआ, जिसने उनके आत्मविश्वास और आर्थिक स्थिति को और अधिक मज़बूती दी। आज ऋतू पटवा न केवल मनिहारी दुकान चला रही हैं, बल्कि सिलाई कार्य और प्रशिक्षण भी दे रही हैं, जिससे उन्हें 17,500 रुपये तक की मासिक आय हो रही है।
इस संपूर्ण यात्रा में सरकार की योजनाओं, स्व-सहायता समूहों और स्वयं की मेहनत से ऋतू पटवा आज एक सशक्त, आत्मनिर्भर और समाज के लिए प्रेरणास्रोत महिला के रूप में उभरी हैं। उन्होंने न केवल अपनी आर्थिक स्थिति को बेहतर किया, बल्कि सामाजिक पहचान भी अर्जित की है।

