“जल गंगा संवर्धन अभियान” लिखे हुए कलश के माध्यम से दिया जल संचय का संदेश
बैतूल। मध्यप्रदेश जन अभियान परिषद प्रभातपट्टन द्वारा 4 अप्रैल को प्रभात पट्टन विकासखंड की ग्राम पंचायत वायगांव में जल गंगा संवर्धन अभियान के अंतर्गत “जल कलश यात्रा” का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य जल संरक्षण के प्रति जन जागरूकता बढ़ाना और ग्रामीणों को जल प्रबंधन की महत्वता समझाना था। कार्यक्रम की शुरुआत राम मंदिर परिसर में जल कलश के विधिवत पूजन से हुई। पूजन के पश्चात राम मंदिर परिसर से स्कूल तक एक जागरूकता यात्रा निकाली गई, जिसमें “जल गंगा संवर्धन अभियान” लिखे हुए कलश के माध्यम से जल संचय का संदेश दिया गया। यात्रा के उपरांत स्कूल के सामने स्थित हैंडपंप के पास श्रमदान किया गया, जिसमें उपस्थित ग्रामीणों ने हैंडपंप के आसपास की सफाई की एवं सोकपिट निर्माण कर जल संरक्षण की दिशा में कदम बढ़ाया।
जल संगोष्ठी में ग्रामीणों को बताया जल संरक्षण का महत्व
कार्यक्रम के अगले चरण में प्रस्फुटन समिति द्वारा एक जल संगोष्ठी का आयोजन किया गया। इस संगोष्ठी में विकासखंड समन्वयक राधा बरोदे ने ग्रामीणों को जल संरक्षण के महत्व से अवगत कराया। उन्होंने बताया कि जल की हर एक बूंद अनमोल है और हमें इसे बचाने के लिए अपने घरों में सोक पिट का निर्माण अवश्य करना चाहिए। इसके अलावा राम कथा वाचक पंडित नंदकिशोर पाठक ने जल स्रोतों को स्वच्छ बनाए रखने की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने नदियों, तालाबों व अन्य जल स्रोतों में पूजन सामग्री प्रवाहित न करने की अपील करते हुए कहा कि जल ही जीवन है और इसे प्रदूषण से बचाना हम सभी का कर्तव्य है। इस जल संरक्षण अभियान में विभिन्न संगठनों एवं स्थानीय जनप्रतिनिधियों की सहभागिता रही। कार्यक्रम में प्रस्फुटन समिति के सदस्य, सीएमसीएलडीपी स्टूडेंट्स, मेंटर जनपद सदस्य जयश्री पाटणकर, नवांकुर संस्था, ग्राम पंचायत के सरपंच, सचिव एवं रोजगार सहायक, तथा ग्रामवासी बड़ी संख्या में उपस्थित रहे।
बेल नदी पर चलाया स्वच्छता अभियान मध्यप्रदेश जन अभियान परिषद विकासखंड आमला विकासखंड समन्वयक श्री अरविंद मठानकर के नेतृत्व में बेल नदी पर श्रमदान कर साफ सफाई की गई। अभियान के तहत मां रेणुका पर्यावरण विकास समिति, नगर विकास प्रस्फुटन समिति आमला नवांकुर संस्था एवं मुख्यमंत्री सामुदायिक नेतृत्व विकास कार्यक्रम अंतर्गत छात्र उपस्थित हुए और बेल नदी के आसपास स्वच्छता अभियान ग्रामीणों के सहयोग से चलाया गया। अभियान के दौरान जल स्रोतों के आसपास साफ-सफाई रखने व पानी में पॉलीथिन और कचरा न फेंकने की समझाइश दी गई।

