सांईखेड़ा ने आयरन खुराक सेवन का ट्रेकिंग मैप तैयार कर किया नवाचार

ग्राम को एनीमिया मुक्त किये जाने की दिशा में बढ़ाया कदम

बैतूल। जिले में दस्तक अभियान के तहत मुलताई विकासखंड के ग्राम सांईखेड़ा द्वारा आयरन खुराक सेवन का ट्रेकिंग मैप ग्राम तैयार कर नवाचार किया जा रहा है।

       मुख्‍य चिकित्‍सा एवं स्‍वास्‍थ्‍य अधिकारी डॉ.रविकांत उईके ने बताया कि दस्तक अभियान की प्रमुख गतिविधि बच्चों में एनीमिया की स्क्रीनिंग है। दस्तक दल ग्राम सांईखेड़ा विकासखंड मुलताई की टीम सीएचओ श्रीमती भानूप्रिया रघुवंशी, एएनएम श्रीमती अरूणा परिहार, आशा पर्यवेक्षक श्रीमती गीता पवार, आशा कार्यकर्ता श्रीमती राधिका पवार, श्रीमती माला डाखोरे एवं श्रीमती दीपिका पवार ने 3437 आबादी वाले सांईखेड़ा में डीसीएम श्री कमलेश मसीह, जिला टीकाकरण अधिकारी डॉ प्रांजल उपाध्याय एवं सीएमएचओ डॉ रविकांत उइके के मार्गदर्शन में बच्चों में एनीमिया स्क्रीनिंग के बाद की गतिविधियों पर ध्यान केन्द्रित करते हुए एक प्रभावी तंत्र निर्मित किया, जिसके अंतर्गत एनीमिक बच्चों को थेराप्यूटिक खुराक वितरण के पश्चात् 60 दिवस तक नियमित सेवन एवं तीन माह पश्चात् सीएचओ द्वारा फॉलोअप एचबी जांच तक की ट्रेकिंग का मैप तैयार किया।

आयुष्मान आरोग्य मंदिर से ट्रेकिंग मैप की मदद से होगा अवलोकन

       सीएमएचओ डॉ.उईके ने बताया कि ट्रेकिंग मैप की मदद से आयुष्मान आरोग्य मंदिर से ही अवलोकन किया जा सकता है कि ग्राम के प्रत्येक घर में 5 वर्ष से छोटे बच्चे किन घरों में हैं तथा वर्तमान में कितने एनीमिक हैं। बच्चों की एचबी की जांच आईएफए सिरप की थेराप्यूटिक खुराक के सेवन की स्थिति तथा सेवन के बाद उनके एनीमिया फॉलोअप की ड्यू डेट कब है। विशेष बात यह है कि आशा कार्यकर्ताओं के राज्य स्तर से अनुमोदित दिशा निर्देशों की निर्धारित गतिविधियों के अंतर्गत ही यह कार्य किया गया किसी अतिरिक्त मद या स्रोत की सहायता नहीं ली गई।

ग्राम मैपिंग तकनीक से किया मानचित्र तैयार

       परंपरागत ग्राम मैपिंग तकनीक का उपयोग करते हुए ग्राम का मानचित्र तैयार किया गया। ग्राम के समस्त घरों को सरल क्रमांक देते हुये सर्वेक्षण किया गया। अद्यतन जानकारियों को पृथक मानचित्रों में चिन्हित किया गया। मानचित्रों में आंगनवाड़ी, आयुष्मान आरोग्य मंदिर प्रदर्शित किये गये। घर-घर में एचबीपीएनसी, टीकाकरण, एएनसी की मॉनिटरिंग का कलेण्डर बनाया गया। सबसे पहले 6 माह से 5 वर्ष तक के समस्त बच्चों को एनीमिया मुक्त करने की मुहिम शुरू की गई। समस्त 6 माह से 5 वर्ष तक के बच्चों की सूची आशा डायरी में अद्यतन की गई। इन बच्चों की एचबी की जांच एवं अल्प, मध्यम, गंभीर एनीमिक बच्चों का चिन्हांकन किया गया। अल्प एवं मध्यम एनीमिक बच्चों कों थेराप्यूटिक खुराक हेतु तत्काल आईएफए सिरप 50 एमएल की बोतल दी गई। सांईखेड़ा मानचित्र में सामान्य घरों (जिनमें एनीमिया नहीं) पर हरे रंग की बिन्दु एवं अल्प तथा मध्यम एनीमिक बच्चों वाले घरों पर लाल रंग के बिन्दु लगाकर प्रदर्शित किया गया। घर पर बच्चे को आयरन सिरप पिलाने का स्मरण मां को रहे इसके लिए कलेण्डर की एक प्रति एनीमिक बच्चे के घर पर भी लगाई गई।

       उन्होंने बताया कि बच्चे के लिये आईएफए बोतल की आवश्यकता, पहली बोतल दिये जाने की तिथि तथा अगली बोतल पुनः प्रदान करने की संभावित तिथि अंकित की गई। 60 दिवस पश्चात सीएचओ द्वारा की गई एचबी फॉलोअप की संभावित तिथि जांच एवं कार्यवाही का अंकन भी शामिल किया गया। ग्राम में 183 बच्चों की एचबी जांच की गई इनमें से 10 बच्चे अल्प एवं 16 बच्चे मध्य एनीमिक पाये गये गंभीर एनीमिक कोई भी बच्चा नहीं पाया गया। इन 26 बच्चों को आयरन सिरप की थेराप्यूटिक खुराक प्रारंभ कर सघन निगरानी आशा कार्यकर्ताओं द्वारा की जा रही है। दस्तक अभियान के दोनों चरणों के दौरान आयरन सिरप के सेवन की प्रभावी निगरानी के साथ एनीमिया मुक्त सांईखेड़ा मुहिम की शुरूआत हो चुकी है।

       एनीमिक बच्चों की जांच पश्चात थेराप्यूटिक खुराक के 60 दिवस निगरानी नवाचार का अवलोकन उप संचालक आशा कार्यक्रम भोपाल मध्यप्रदेश डॉ एस सांकल्ले द्वारा 24 मार्च 2025 को किया जाकर सराहा गया।

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