एट्रोसिटी एक्ट के सभी प्रकरणों को शीघ्र निराकृत करें – कमिश्नर

चिन्हित अपराधों में कोर्ट में चालान प्रस्तुत करने में अनावश्यक देरी न की जाए कमिश्नर ने संभाग स्तरीय सतर्कता सलाहकार एवं निगरानी समिति की बैठक ली

नर्मदापुरम। संभाग कमिश्नर के जी तिवारी ने कहा कि अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति वर्ग से संबंधित सभी एट्रोसिटी एक्ट के तहत दर्ज प्रकरणों का शीघ्र ही निराकरण किया जाए, इसमें अनावश्यक देरी न की जाए। कमिश्नर ने कहा कि जघन्य अपराधों एवं चिन्हित अपराधों में कोर्ट में चालान प्रस्तुति की कार्रवाई में भी अनावश्यक विलंब न किया जाए। चालान रेगुलर प्रस्तुत किए जाते रहे। उल्लेखनीय कि न्यायालय में 878 केस थे जिसमें चालान प्रस्तुत होने थे। उल्लेखनीय है कि कमिश्नर श्री तिवारी अनुसूचित जाति, जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम 1989 एवं मध्य प्रदेश आकस्मिकता नियम 1995 के तहत गठित संभाग स्तरीय सतर्कता सलाहकार एवं निगरानी समिति की बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे। बैठक में पुलिस महानिरीक्षक श्री मिथिलेश कुमार शुक्ला, डीआईजी प्रशांत खरे, नर्मदापुरम कलेक्टर सोनिया मीना, हरदा कलेक्टर आदित्य सिंह, बैतूल कलेक्टर नरेंद्र सूर्यवंशी, पुलिस अधीक्षक नर्मदापुरम डॉक्टर गुरु करण सिंह, हरदा व बैतूल जिले के पुलिस अधीक्षक, उपायुक्त जनजाति कार्य विभाग श्री जेपी यादव एवं समस्त डीपीओ तथा जनजाति कार्य विभाग के सहायक आयुक्त गण उपस्थित थे।

      कमिश्नर श्री तिवारी ने सभी कलेक्टर्स को निर्देश दिए कि वह जिला स्तरीय सतर्कता सलाहकार एवं निगरानी समिति की बैठक प्रतिमाह कराए। कमिश्नर ने बैठक में अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम अंतर्गत पुलिस थानों में दर्ज एवं पंजीकृत प्रकरण की स्थिति की जानकारी ली। उपायुक्त जनजाति कार्य विभाग श्री जेपी यादव ने लंबित प्रकरण की स्थिति से कमिश्नर को अवगत कराया। कमिश्नर ने कैलेंडर वर्ष 2024 में 60 दिनों से अधिक अवधि के लंबित प्रकरणों की समीक्षा की और निर्देश दिए की बिना किसी वजह से प्रकरण अधिक दिनों तक लंबित न रहे। कमिश्‍नर ने कैलेंडर वर्ष 2024 में विवेचना में 60 दिनों से अधिक लंबित प्रकरणों की थानावार, अनुसंधान में लंबित प्रकरण, दर्ज प्रकरणों में अभियोजन की स्थिति, जीवन निर्वाह भत्ता, गवाहों का यात्रा भत्ता, पुनर्वास सुविधाओं, रोजगार,कृषि भूमि का क्रय, सामाजिक पुनर्वास, चिकित्सा सुविधा, पुनर्वास सुविधा एवं अन्य स्थिति की समीक्षा की।

कमिश्नर ने चिन्हित सनसनीखेज अपराधों की संभागीय समीक्षा की

      कमिश्नर के जी तिवारी ने नर्मदापुरम संभाग के हरदा बैतूल एवं नर्मदापुरम जिले में घटने वाली चिन्हित एवं सनसनी खेज अपराधों की स्थिति की एवं उन पर हुई कार्रवाई एवं चालान प्रस्तुति की समीक्षा की। पुलिस अधीक्षक डॉक्टर गुरकरन सिंह ने बताया कि चिन्हित अपराधों में नर्मदापुरम में 187, बैतूल में 177 हरदा में 159 प्रकरण थाना वार दर्ज है, जिन पर कोर्ट प्रस्तुतीकरण की कार्रवाई की गई है।वहीं वर्ष 2024 की स्थिति में विवेचना के प्रकरण में नर्मदापुरम में एक प्रकरण लंबित है। वही न्यायालय में प्रस्तुत प्रकरण की स्थिति देखी जाए तो नर्मदापुरम में 181 बैतूल में 175 और हरदा में 156 प्रकरण विवेचना के अंतर्गत लिए गए हैं। चिन्हित सनसनी के अपराधों की बनी समिति की बैठक सभी जिलों में नियमित रूप से ली जा रही है।

      पुलिस अधीक्षक डॉक्टर गुरकरण सिंह ने बताया कि 111 प्रकरण न्यायालय में विभिन्न कारणों से लंबित है। वर्ष 2024 में नर्मदापुरम में 10 बैतूल में पांच एवं हरदा में पांच प्रकरण सनसनीखेज चिन्हित हुए थे। दोष मुक्ति के नर्मदा पुर में 6 बैतूल में चार और हरदा में आठ प्रकरण है। वही दोष सिद्धि के नर्मदा पुर में सात, बैतूल में 20 और हरदा में चार प्रकरण है। दोष मुक्त प्रकरण में अपील की स्थिति देखी जाए तो नर्मदा पुर में दो, बैतूल में 10 एवं हरदा में 21 प्रकरण लंबित है।

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