आने वाले समय में रेशम विभाग देश के अग्रणी विभागों में से एक बनकर उभरेगा :  कुटीर एवं ग्राम उद्योग राज्य मंत्री दिलीप जायसवाल

जिले के सुदूर क्षेत्रों में भी रेशम का प्रसार बहुत तेजी से हुआ है: सांसद श्रीमती माया नारोलिया

नर्मदापुरम। मंगलवार को बुनियादी तसर रेशम कीट बीज संगठन बिलासपुर, केंद्रीय रेशम उत्पादन अनुसंधान एवं प्रशिक्षण संस्थान मैसूर, केंद्रीय रेशम बोर्ड भारत सरकार एवं रेशम विभाग मध्य प्रदेश शासन के तत्वाधान में जिला रेशम केंद्र रायपुर में रेशम कृषि मेला 2025 का आयोजन किया गया। मेले का आयोजन “रेशम संस्कृति और व्यापार का प्राकृतिक बंधन” की थीम पर किया गया जिसमें राज्य मंत्री कुटीर एवं ग्राम उद्योग मध्य प्रदेश शासन दिलीप जायसवाल विशेष अतिथि के रूप में उपस्थित रहे। इसी के साथ आयोजन में राज्यसभा सांसद श्रीमती माया नारोलिया भी उपस्थिति रही।  मेले का शुभारंभ राष्ट्रगान जन गण मन के साथ हुआ। आयोजन के दौरान रेशम उत्पादन एवं रेशम संवर्धन के लिए बहु उपयोगी पंपलेट का विमोचन भी किया गया।

मेले के दौरान राज्य मंत्री श्री जायसवाल ने कहा कि नर्मदापुरम जिले ने रेशम उत्पादन के क्षेत्र जो प्रगति प्राप्त की है वह निश्चित ही जिले को देश में प्रमुख रेशम उत्पादक जिले के रूप में स्थापित में सहायता करेगी। उन्होंने कहा कि निश्चित रूप से आने वाले समय में रेशम विभाग देश के अग्रणी विभागों में से एक बनकर उभरेगा। राज्‍यमंत्री श्री जायसवाल ने कहा कि हमारा लक्ष्य की हम रेशम खेती के लिए प्रदेश में निर्धारित पूरे 3000 एकड़ के क्षेत्र में रेशम का उत्पादन करेंगे। जिसके लिए अधिक से अधिक किसानों को भी रेशम उत्पादन से जोड़ा जाएगा। उन्होंने रेशम उत्पादन से जुड़े समस्त किसान भाइयों से अपील की कि भारत सरकार की योजनाओं का लाभ अवश्य उठाएं। इस दौरान राज्य मंत्री श्री जायसवाल ने जिले में रेशम क्षेत्र की प्रगति के लिए कलेक्टर सुश्री सोनिया मीना को भी बधाईयां दी। उन्होंने कहा कि कलेक्टर एवं रेशम विभाग के कठोर परिश्रम का ही फल है कि आज नर्मदापुरम जिले में एक ऐसा क्षेत्र विकसित हुआ है जहां पर रेशम उत्पादन से लेकर धागा निर्माण एवं वस्त्रों की बुनाई एक ही छत के नीचे संभव हुई है। आगामी समय में रेशम उत्पादन को और अधिक बढ़ाने तथा ज्यादा से ज्यादा किसानों को इससे जोड़ने के लिए उन्होंने रेशम को फसल बीमा से जोड़ने का सुझाव भी दिया जिससे किसानों की अनिश्चितता भी समाप्त हो जाए। साथ ही उन्‍होनें कहा कि रेशम विभाग पोर्टल तैयार कर उस पोर्टल पर क्यूआर कोड के माध्यम से किसानों की स्टोरी के साथ परिधानों का प्रस्तुतिकरण भी करवाए। जितनी अच्छी प्रस्तुति होगी उतना ही रेशम व्यवसाय लाभ का सौदा साबित होगा। इस दौरान उन्होंने विभागीय अधिकारियों एवं कर्मचारी की प्रशंसा करते हुए कहा कि सभी अपनी पूरी शक्ति के साथ काम करें तथा मध्य प्रदेश को रेशम प्रदेश के रूप में भी स्थापित करें। उन्होंने कहा कि गत दिवस संपन्न हुए ग्लोबल इन्वेस्टर सबमिट के दौरान प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी द्वारा अपने उद्बोधन में मलबरी रेशम का जिक्र करना भी विभाग एवं उनके स्वयं के लिए एक गोरवान्वित करने वाला क्षण था। मेले के दौरान राज्य मंत्री श्री जायसवाल द्वारा तसर रेशम उत्पादन, शहतूत उत्पादन करने वाले किसानों को एवं रेशम व्यवसाय से लखपति बनी दिदियों को प्रशस्ति पत्र प्रदान कर सम्मानित किया गया। मंत्री श्री जायसवाल ने मेले में लगाई गई प्रदर्शनियों का भी अवलोकन कर रेशम की किस्म रेशम से बने वस्‍त्रों का भी निरीक्षण किया।

मेले के दौरान राज्यसभा सांसद श्रीमती माया नारोलिया ने कहा कि मध्य प्रदेश सरकार किसानों के हित में अनेको योजनाऐं संचालित कर रही है जिसका सीधा लाभ हमारे किसान भाइयों को दिलाने के लिए सरकार कृत संकल्पित है। उन्होंने कहा कि राज्य मंत्री श्री जायसवाल के मार्गदर्शन में रेशम विभाग ने एक अभूतपूर्व रफ्तार पकड़ी है। *राज्यसभा सांसद श्रीमती माया नारोलिया ने कहा कि चूंकी नर्मदापुरम एक कृषि प्रधान क्षेत्र है, तथा कृषि, खनिज, रेशम के मामले में जिला नंबर एक की पोजिशन को हासिल कर चुका है। निश्चित ही इस क्षेत्र में हमारा प्रदेश एवं नर्मदापुरम जिला आगे बढ़ता रहेगा। उन्होंने कहा कि जिले के सुदूर क्षेत्रों में भी सिल्क का प्रसार बहुत ही तेजी से हुआ है जिसके लिए उन्होंने कलेक्टर एवं रेशम विभाग को बधाई दी।

 *कलेक्टर सुश्री सोनिया मीना ने जिले की रेशम उपलब्धियों को बताते हुए कहा कि पिछले कुछ समय में विभाग एवं जिला प्रशासन द्वारा रेशम व्यवसाय को बढ़ावा देने के लिए कई कदम उठाए गए हैं। उन्होंने कहा कि नर्मदापुरम जिला प्रदेश में एकमात्र ऐसा जिला है चारों प्रकार के रेशम जिसमें मलबरी, इरी, मूंगा, एवं तसर रेशम की किस्मों का प्रमुख रूप से उत्पादन होता है।  जिले में रेशम उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए कई अन्य योजनाएं भी संचालित हैं जिसमे कृषकों को रेशम व्यवसाय से जोड़ने के लिए आजीविका संवर्धन कि गतिविधियां प्रमुख हिस्सा है। उन्होंने कहा कि अगस्त 2024 में 1 लाख 85 हजार मलबरी पौधों का रोपण किया गया। उन्होंने मेले में उपस्‍थित अतिथियों एवं कृषको को रेशम विभाग के नवाचार फार्म टू फैब्रिक से अवगत करते हुए बताया कि इसके माध्यम से 15 महिलाओं को रेशम बुनाई के लिए तीन माह का प्रशिक्षण दिया गया जिससे वे सभी रेशम व्‍यवसाय से जुडी एवं अजिविका भी प्राप्‍त की। कलेक्टर ने कहा कि नर्मदापुरम प्रदेश का एकमात्र जिला है जहां पर ककून मंडी भी संचालित हो रही है। कलेक्टर ने बताया कि जिले में पचमढ़ी मढ़ई एवं रायपुर में प्राकृत शोरूम भी संचालित किये जा रहे हैं। जिले में रेशम उत्पादन एवं रेशम व्यवसाय के साथ कई दीदी लखपति दीदीया भी बनी है। मेले से पूर्व कलेक्‍टर ने वहां उपस्थित कृषकों से सीधा संवाद कर उनसे रेशम व्‍यवसाय से होनें वाली आमदनी एवं लाभ की जानकारी भी ली। उन्होंने कहा कि आगे भी विभाग एवं जिला प्रशासन इसी सक्रियता के साथ कार्य करते हुए रेशम व्यवसाय के क्षेत्र में जिले को अग्रणी बनाए रखेगा एवं प्रगति के नए सोपान भी प्राप्त करेगा।

आयोजन के दौरान केंद्रीय रेशम बोर्ड के सदस्य सचिव पी शिवकुमार, सीसीएफ अशोक कुमार, बीटीएससीओ बिलासपुर के निदेशक डॉक्टर टी सेल्वाकुमार, के.त.रे.यू.अनु.व.प्र.सं. रांची डॉ एनबी चौधरी मंडल अध्यक्ष रूपेश राजपूत सहित अन्य गणमान्य नागरिक के साथ बड़ी संख्या में कृषक बंधु एवं लखपति दीदि उपस्थित रहे।

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