नर्मदापुरम। राज्य आनंद संस्थान द्वारा आनंद से संबंधित चयनित अंतर्राष्ट्रीय दिवसों का आयोजन किया जाता है। इसी कड़ी में 5 दिसम्बर,2023 को अंतर्राष्ट्रीय स्वैच्छिक सेवा दिवस मनाया जाना है। 05 दिसंबर को प्रतिवर्ष अंतरराष्ट्रीय स्तर पर स्वैच्छिक सेवा के महत्वपूर्ण योगदान के बारे में समाज के बीच जागरूकता बढ़ाने के लिए अंतर्राष्ट्रीय, राष्ट्रीय और स्थानीय स्तरों पर उनके योगदान को रेखांकित करने का एक अवसर प्रदान करता है। राज्य आनंद संस्थान के सीईओ अखिलेश अर्गल ने बताया कि इस दिवस का उद्देश्य गरीबो, बीमारी, अशिक्षा, पर्यावरण क्षरण तथा स्वास्थ्य के क्षेत्र में किए गए स्वैच्छिक कार्यों के प्रति आम लोगो में जागरूकता फैलाना है। जागरूकता का यह कार्य व्यक्तिगत अथवा संगठन से जुड़े स्वयंसेवकों द्वारा किया जा सकता है। इससे देश में आर्थिक और सामाजिक विकास की भूमिका बलवती होती है।
राज्य आनंद संस्थान इस दिवस को राज्य स्वैच्छिक सेवा दिवस के रूप में मनाने के लिए प्रतिबद्ध है। अंतर्राष्ट्रीय स्वैच्छिक दिवस पर हम सब आनंदक अपने-अपने स्थानों पर एक साथ मिलकर विभिन्न गतिविधियां, कार्यक्रम आयोजित कर सकते है। जैसे लोगों में स्वैच्छिक सेवा के प्रति जागरूकता बढ़ाने के लिए परेड, मार्च और रैलियां आयोजित की जा सकती है। कॉन्फ्रेन्स, सेमिनार, प्रदर्शनियां, स्वच्छता अभियान, शिक्षा एवं वर्तमान में सर्वाधिक महत्पूर्ण स्वास्थ्य देखभाल व जागरूकता संबंधी कार्यक्रम आयोजित किये जा सकते हैं।
व्यक्तिगत स्वयंसेवकों को अथवा नागरिकों की सुरक्षा में संलग्न स्वैच्छिक सेवा प्रदाताओं चिकित्सक, नर्स, सफाई कर्मी, प्लाजमा डोनर, भोजन एवं आवश्यक वस्तु वितरण आदि का सहयोग प्रदान करने के लिए कार्यक्रम आयोजित किये जा सकते हैं। स्वयंसेवकों के लिए विभिन्न प्रकार की प्रतियोगिताओं और कार्यक्रमों का आयोजन किया जा सकता है। व्यक्तियों को स्वैच्छिक सेवाओं के प्रति प्रतिज्ञा करने के लिए प्रोत्साहित कर सकते हैं। कंपनियों द्वारा अपनी व्यावसायिक जिम्मेदारी के साथ-साथ स्वैच्छिक कार्यक्रम शुरू किए जा सकते हैं।
आम नागरिकों को स्वैच्छिक सेवा में अवसर के रूप में बीमारों की देखभाल, अस्पताल में मरीजों से मिलने, अनाथ आश्रम, वृद्धाश्रम का भ्रमण, पौधा रोपड़, अपने आस-पास की सड़क, नालियों, मार्गों की सफाई आदि गतिविधियां की जा सकती है। जिले स्तर पर कार्यक्रम का आयोजन संस्थान के रि-डिप्लॉयड/मास्टर ट्रेनर/आनंदम सहयोगी, जिला आनंदम दल, आनंद क्लब एवं आनंदको द्वारा किया जा सकेगा। उपरोक्त कार्यक्रम स्कूल/कॉलेज, वृद्धाश्रम, अनाथ आश्रम, अस्पताल, सार्वजनिक हित के केन्द्र/भोजनालय आदि पर आयोजित किए जा सकते है। कार्यक्रम में भागीदार:-कार्यक्रम के स्वरूप के आधार पर इसमें विद्यार्थी,गृहणी, व्यवसायी,वृद्ध, स्वैच्छिक संस्थाओं के कार्यकर्ता,विभिन्न युवा वर्ग के प्रतिनिधि आदि शामिल हो सकेगें। कार्यक्रम का प्रचार प्रसार दिवस के उद्देश्यों के प्रति जागरूकता अभियान एवं उनके प्रचार-प्रसार के लिए पोस्टर, बैनर, स्लाइड, पर्चे इत्यादि का उपयोग किया जा सकता है एवं रिपोर्टिंग समाचार पत्रों के माध्यम से की जा सकती है। इस संबंध में जिला स्तर पर जन सम्पर्क विभाग, समाचार पत्रों के प्रतिनिधि, मीडिया चैनल के रिपोर्टर आदि से आनन्दक सम्पर्क कर सकते हैं।