नर्मदापुरम विधानसभा सीट पर भाजपा टिकट को लेकर बड़ा विवाद चल रहा है। नर्मदापुरम विधायक डॉ सीतासरन शर्मा और डॉ राजेश शर्मा द्वारा समर्थकों और विरोधियों के बीच टकराव है। डॉ सीतासरन शर्मा और उनके परिवार के सयुंक्त समर्थकों ने टिकट दिल्ली तक मांगी है, जबकि दूसरा गुट उनके विरोध में है और यह मौन प्रदर्शन कर रहा है। विधायक डॉ सीतासरन शर्मा के पक्ष में खड़े हुए समर्थकों और विरोधियों के बीच घमासान चल रहा है।
नर्मदापुरम, मध्यप्रदेश: नर्मदापुरम विधानसभा सीट पर भाजपा के टिकट चयन से अब बवाल मचा है। इस संदर्भ में, नर्मदापुरम विधायक डॉक्टर सीतासरन शर्मा या उनके परिवार के सदस्य को इस बार टिकट नहीं देने के फैसले के खिलाफ, डॉक्टर राजेश शर्मा नामक एक दूसरे गुट ने मोर्चा खोल दिया है।
वर्तमान विधायक डॉक्टर सीतासरन शर्मा के विरोध में बीजेपी संगठन के कई सदस्य टिकट परिवर्तन की मांग कर रहे हैं। और इस वजह से अब तक नर्मदापुरम सीट के लिए प्रत्याशी की घोषणा नहीं हुई है। यह विवाद स्थानीय स्तर से लेकर प्रदेश भाजपा कार्यालय तक बढ़ गया है, हालांकि विरोधी गुट और प्रतिस्पर्धी गुट दोनों ही दिल्ली में समाधान खोजने में व्यस्त हैं।
इस मामले में, एक गुट ने पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के सामने विधायक डॉक्टर सीतासरन शर्मा को विकासपुरुष और जननायक कहकर तारीफ की है, जबकि विरोधी गुट ने उन्हें पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ अनदेखी करने वाले व्यक्तित्व कहा है।
समर्थकों ने केंद्रीय मंत्री और प्रदेश प्रभारी भूपेंद्र यादव से मुलाकात की और डॉ शर्मा को टिकट देने की मांग की है। उनका मानना है कि डॉ शर्मा नर्मदापुरम सीट के लिए बेहद लोकप्रिय हैं और उनका जनाधार मजबूत है।
इसके बावजूद, विरोधी गुट ने एक मौन प्रदर्शन किया है और अपने मांगों को दिल्ली तक पहुँचाने का प्रयास किया है।
सभी भाजपा के विभाग कार्यालय में जमा हुए हैं और अपनी बात केंद्रीय नेतृत्व तक पहुँचाने का प्रयास कर रहे हैं।